उत्तराखंड

एक जिला–एक मेला थीम से गौचर मेले को राष्ट्रीय पहचान मिलने की उम्मीद

आज 14 नवंबर से गौचर राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला शुरू हो गया है। सात दिनों तक चलने वाले इस मेले में हर रोज कई आयोजन होते हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दीप प्रज्ज्वलन कर मेले का शुभारंभ किया। मेले में मुख्यमंत्री द्वारा पत्रकारिता के लिए डॉ हरीश मैखुरी को पंडित गोविन्द प्रसाद नौटियाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ नंद किशोर हटवाल को पंडित महेशानन्द नौटियाल शिक्षा और साहित्य प्रसार सम्मान दिया गया।अपर गढ़वाल के सबसे बड़े मेलों में शामिल इस मेले की राज्य स्तर पर विशेष पहचान है। बीते नौ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक जिला एक मेले की बात से इस मेले को अब राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिलेगी। वर्ष 1943 में भोटिया जनजाति एवं अन्य लोगों की पहल पर यह मेला शुरू हुआ। जिसका शुभारंभ तत्कालीन गढ़वाल कमिश्नर बरनेडी ने किया। तब यहां भारत तिब्बत व्यापार इस मेले के माध्यम किया जाता था। बाद में धीरे-धीरे औद्योगिक विकास मेले एवं सांस्कृतिक मेले का स्वरूप धारण कर लिया। अब मेले में मूल अवधारणा व्यापार को शामिल करते हुए नए आयोजन को शामिल कर दिया गया है। चमोली जिले के व्यापार संघ के जिला महामंत्री सुनील पंवार कहते हैं कि गौचर मेले की अपनी राज्य स्तर की पहचान है। जिसे देखते हुए सरकार ने इसे राजकीय मेला घोषित किया है।

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