उत्तराखंड

पूर्व जस्टिस के हटने के बाद भी नहीं टूटा युवाओं का भरोसा संकट

पेपर लीक मामले में विरोध कर रहे युवाओं के प्रतिनिधियों से प्रशासन के आला अधिकारियों ने रविवार को एक बार फिर वार्ता की। उन्होंने सरकार के रुख को उनके सामने रखा और एसआईटी की जांच रिपोर्ट तक इंतजार करने को कहा। युवाओं ने प्रशासनिक अधिकारियों की बातें सुनीं लेकिन धरना समाप्त करने पर सहमति नहीं बन पाई। लिहाजा सातवें दिन भी परेड ग्राउंड के बाहर युवाओं का धरना जारी रहा।तीन दिन पहले परेड ग्राउंड के बाहर धरनास्थल पर सरकार की ओर से जिलाधिकारी सविन बंसल और एसएसपी अजय सिंह ने युवाओं से बात की थी। उन्हें अब तक की कार्रवाई की जानकारी दी और सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों को भी बताया। उस वक्त युवाओं ने जांच की निगरानी करने वाले पूर्व जस्टिस की पर भी सवाल उठाए थे। उन्हें भाजपा का करीबी बताते हुए पारदर्शिता खतरे में रहने की बात युवाओं ने उठाई थी। इसी बीच पूर्व जस्टिस बीएस वर्मा ने खुद को इस जिम्मेदारी से अलग कर लिया है। ऐसे में एक बार फिर प्रशासन के आला अधिकारियों ने युवाओं को समझाना चाहा था।अधिकारियों ने बॉबी पंवार व अन्य नेताओं से बात की। करीब एक घंटे तक वार्ता चली और उन्हें एसआईटी जांच रिपोर्ट आने तक इंतजार करने के लिए मनाने की कोशिश की गई। प्रतिनिधियों ने सभी बातों को सुना लेकिन अपने तर्कों और सवालों पर अडिग रहे। मांग अब भी वही कि सीबीआई जांच से कम कुछ भी मंजूर नहीं। ऐसे में रविवार को भी युवा परेड ग्राउंड के बाहर धरने पर डटे रहे। रात में भी धरना जारी था।दशहरा मेले पर संशय बरकरार, आज स्थिति हो सकती साफयुवाओं के धरने पर बैठने से वहां हर साल होने वाले दशहरा महोत्सव की तैयारियों पर भी असर पड़ रहा है। इस बार के मेले पर संशय बना हुआ है। इसे लेकर भी लगातार युवाओं से प्रशासन बातचीत कर रहा है। दशहरा मेला परेड ग्राउंड में होगा या नहीं इस पर सोमवार को स्थिति साफ हो सकती है। बता दें कि हर साल यहां हजारों की संख्या में दशहरा मेले में लोग आते हैं। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ही बतौर मुख्य अतिथि शामिल होते हैं।कांग्रेस विधायक कापड़ी और बुटोला पहुंचे धरनास्थल युवाओं के धरने को समर्थन देने के लिए रविवार को बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला और खटीमा विधायक भुवन कापड़ी पहुंचे थे। उन्होंने भी धरनास्थल से युवाओं की मांगों को दोहराया और इस मामले में सरकार को आड़े हाथ लिया। दोनों नेताओं ने युवाओं के संघर्ष में अंत तक साथ चलने का भरोसा जताया।

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