उत्तराखंड

सात साल का इंतजार नहीं, केंद्र ने दी नियमों में छूट से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति

उत्तरकाशी जिले के धराली व हर्षिल क्षेत्र में आई आपदा में लापता लोगों को मृत्यु पंजीकरण कर प्रमाण पत्र जारी करने के लिए गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। शासन ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया के लिए अभिहित व अपीलीय अधिकारी नामित कर दिए है। मृत्यु पंजीकरण के बाद लापता लोगों के परिवार को आपदा राहत के तहत आर्थिक सहायता मिल सकेगी।पांच अगस्त को धराली आपदा से खीर गंगा में आए मलबे में सब कुछ दफन हो गया था। आपदा में 67 लोग लापता हैं, जिनका 51 दिन बाद भी कोई पता नहीं लगा है। प्रदेश सरकार ने आपदा में लापता लोगों का मृत्यु पंजीकरण करने के लिए मानकों में छूट देने को गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। महारजिस्ट्रार गृह मंत्रालय ने लापता लोगों का मृत्यु पंजीकरण करने की अनुमति दे दी है।सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि उत्तरकाशी जिले के धराली व हर्षिल क्षेत्र में आई आपदा में लापता लोगों के मृत्यु पंजीकरण के लिए मिली है। पंजीकरण की प्रकिया के लिए उप जिलाधिकारी को अभिहित अधिकारी व जिलाधिकारी को अपीलीय अधिकारी नामित किया गया। जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के तहत के लापता व्यक्ति को सात साल के बाद मृतक घोषित करने का प्रावधान है।2021 में रैणी आपदा में भी मिली थी छूटचमोली जिले के रैणी में 2021 में आई आपदा में सैकड़ों मजदूर लापता हो गए थे। उस समय भी केंद्र सरकार ने जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के तहत मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में छूट दी थी। अब गृह मंत्रालय की 2021 की तर्ज पर धराली आपदा में लापता लोगों का मृत्यु पंजीकरण करने की अनुमति दी है।घटना क्षेत्र के उप जिलाधिकारी जारी करेंगे मृत्यु प्रमाण पत्रआपदा में लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए सबसे पहले परिजनों को मूल निवास वाले स्थान पर लापता व्यक्ति की शिकायत दर्ज करनी होगी। इसके बाद शिकायत को घटना वाले क्षेत्र के परगना मजिस्ट्रेट या एसडीएम के पास भेजा गया है। लापता व्यक्ति के बारे में 30 दिन का नोटिस जारी किया गया। इसके बाद कोई आपत्ति न मिलने पर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। मृत्यु प्रमाण पत्र के बाद ही लापता व्यक्ति के परिजनों को आपदा राहत के तहत आर्थिक सहायता मिल सकेगी।

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