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ईडी ने अलकेमिस्ट और ओजस अस्पताल के ₹127.33 करोड़ के शेयर जब्त किए, फर्जी निवेश योजनाओं में धोखाधड़ी का आरोप – Parvat Sankalp News


हरियाणा के पंचकूला में स्थित अलकेमिस्ट और ओजस अस्पताल के ₹127.33 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। दोनों अस्पताल पूर्व राज्यसभा सांसद कंवर दीप सिंह के बेटे करण दीप सिंह के स्वामित्व वाली कंपनी सोरस एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड के अंतर्गत आते हैं।

धोखाधड़ी और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग की जांच

ईडी के अनुसार, जब्त किए गए शेयर अलकेमिस्ट समूह, उसके निदेशकों, प्रमोटरों और संबंधित संस्थाओं के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा हैं। यह मामला फर्जी सामूहिक निवेश योजनाओं (CIS) के माध्यम से निवेशकों से अवैध रूप से धन जुटाने, असामान्य रूप से उच्च रिटर्न का झूठा वादा करने और संपत्तियों के फर्जी आवंटन से संबंधित है।

कोलकाता पुलिस की FIR और CBI जांच के बाद कार्रवाई

ईडी की यह कार्रवाई कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज एक FIR और बाद में CBI द्वारा की गई जांच के आधार पर की गई है। यह जांच अलकेमिस्ट टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड, अलकेमिस्ट इंफ्रा रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, समूह के प्रमोटर कंवर दीप सिंह और अन्य निदेशकों के खिलाफ की जा रही है।

1,848 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि एकत्र करने का आरोप

ईडी ने आरोप लगाया कि अलकेमिस्ट होल्डिंग्स लिमिटेड और अलकेमिस्ट टाउनशिप इंडिया लिमिटेड ने आम निवेशकों को गुमराह कर करीब ₹1,848 करोड़ रुपये अवैध रूप से एकत्र किए और उस धन का दुरुपयोग अनधिकृत उद्देश्यों के लिए किया गया।

जब्त किए गए शेयरों में अलकेमिस्ट अस्पताल और ओजस अस्पताल के क्रमशः 40.94% और 37.24% शेयर शामिल हैं, जो सोरस एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर हैं। यह कंपनी कंवर दीप सिंह के बेटे करण दीप सिंह के स्वामित्व में है।

पूर्व सांसद की गिरफ्तारी और अदालत में चार्जशीट

इससे पहले 12 जनवरी 2021 को ईडी ने कंवर दीप सिंह को गिरफ्तार किया था। बाद में ईडी ने 2 मार्च 2021 को पीएमएलए की विशेष अदालत, नई दिल्ली में अभियोजन शिकायत दर्ज की। इसके अलावा 19 जुलाई 2024 को एक पूरक अभियोजन शिकायत भी दायर की गई है।

अब तक ईडी 238.42 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर चुका है, जो इस मामले से संबंधित पांच अस्थायी कुर्की आदेशों के तहत हुई कार्रवाई का हिस्सा हैं।

 

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