लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक सफर
लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं और यह भी कहा जाता है कि लालकृष्ण आडवाणी ने ही भारतीय जनता पार्टी को बनाया है बीजेपी के और उनका पार्टी के लिए अहम योगदान है लालकृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में हुआ था। 25 फरवरी 1965 में लालकृष्ण आडवाणी की प्रारंभिक शिक्षा हुई थी फिर उन्होंने मुंबई आकर गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई की।
महात्मा गांधी के बाद आडवाणी को जननायक मानते है और उन्होंने हिंदू आंदोलन का नेतृत्व किया। 90 के दशक में वह अपने बयान बाजी की वजह से अपनी किताबों और लेखों के कारण बहुत चर्चा में रहे। 1980 में आडवाणी ने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद पार्टी के महासचिव रहे और उत्तरदायित्व उन्होंने ही संभाला इसी दौरान 1990 में राम मंदिर आंदोलन को लेकर सोमनाथ से अयोध्या के लिए आडवाणी रथयात्रा निकाली। रथ यात्रा के बीच आडवाणी की गिरफ्तारी हुई यात्रा के दौरान ही आडवाणी ने राजनीतिक में उनका कद बढ़ा और आडवाणी पूरे देश में लोकप्रिय हो गए।
1992 बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद लोगों को अभियुक्त बनाया गया उनमें आडवाणी का नाम भी शामिल था। आडवाणी तीन बार पार्टी के अध्यक्ष पद पर रहे 4 बार राज्यसभा और 5 बार लोकसभा सदस्य रहे हैं वर्तमान में गुजरात के गांधीनगर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के सांसद है। आडवाणी 77 से 1979 में पहली बार केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री का दायित्व संभाला था और प्रसारण मंत्री रहे 1999 में एनडीए सरकार बनने के बाद वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री बने।
आडवाणी को किताबे संगीत और सिनेमा मे काफी रुचि है 2009 में आडवाणी का नाम प्रधानमंत्री पद के रूप में सामने आया था पर सत्ता में पार्टी नहीं आयी और वो प्रधानमंत्री नहीं बन सके 2014 लोकसभा चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी ने प्रधानमंत्री बनने की ताल ठोकी थी पर गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी ने अपना नाम घोषित कर 2014 मैं एनडीए की सरकार बनाकर मोदी खुद प्रधानमंत्री बने। लालकृष्ण आडवाणी के बारे में यह भी कहा जाता है कि भारतीय जनता पार्टी को आगे बढ़ाने का पूरा श्रेय लालकृष्ण आडवाणी को ही जाता है इन्होंने ही भाजपा को एक राष्ट्रीय पार्टी बनाया है।