मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर हमेशा सादगी पसंद करते थे, स्कूटर से जाया करते थे CM ऑफिस

नई दिल्ली। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर का निधन हो गया है। पैंक्रियाज कैंसर से पिछले एक साल से जूझ रहे पर्रीकर ने रविवार शाम अंतिम सांस ली। पर्रीकर हमेशा सादगी पसंद करते थे, वे बेहद सामान्य जिंदगी जीते थे। मुख्यमंत्री होने के बावजूद वो अपने साथ किसी तरह का तामझाम नहीं रखते थे।
मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वह अपने लंबरेटा स्कूटर से मुख्यमंत्री कार्यालय के लिए निकल जाया करते थे। मनोहर पर्रीकर का जन्म मापुसा में हुआ था। उनके पिता का नाम गोपालकृष्ण और मां का नाम राधाबाई था। इनका पूरा नाम मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रीकर था। पर्रीकर के एक और भाई अवधूत परीकर भी हैं।
Visuals from outside the residence of #ManoharParrikar in Panaji, Goa. pic.twitter.com/5M6lzmaVWv
— ANI (@ANI) March 18, 2019
पर्रीकर की शुरुआती पढ़ाई मार्गो के स्कूल से हुई थी। मराठी मीडियम के स्कूल से उन्होंने सेकंड्री हायर एजूकेशन हासिल की। उन्होंने 1978 में बॉम्बे आइआइटी से मेटलर्जिकल ट्रेड से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। आइआइटी से पढ़ाई के दौरान ही मनोहर पर्रीकर ने यह तय किया था कि वे मशीनों के बीच उलझने के बजाए सामाजिक क्षेत्र में काम करेंगे।
मनोहर पर्रीकर वर्ष 1981 में मेधा पर्रीकर से शादी हुई। 2001 में मेधा पर्रीकर की कैंसर की वजह से मौत हो गई। पर्रीकर के दो बेटे हैं। एक उत्पल और दूसरा अभिजात पर्रीकर। उत्पल ने इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग में यूएस की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। जबकि, अभिजात बिजनेसमैन हैं। उत्पल ने उमा सरदेसाई से प्रेम विवाह किया था। उमा ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया से पढ़ाई की है। इनका एक बेटा है, जिसका नाम ध्रुव है। अभिजात पर्रीकर की शादी 2013 में हुई थी। उनकी पत्नी साई फार्मासिस्ट हैं. —-
मनोहर पर्रीकर वर्ष 2000 में पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने थे। वह बिजनेस सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे। साल 2014 में वे देश के रक्षा मंत्री बने थे। उत्तर प्रदेश से वह राज्यसभा के लिए चुनकर आए थे। बाद में रक्षामंत्री पद से इस्तीफा देकर दोबारा गोवा के मुख्यमंत्री बने थे।