कन्हैया सहित 10 छात्रों पर चार्जशीट में आया नया मोड़

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया सहित 10 छात्रों पर चार्जशीट दायर करने के मामले में नया मोड़ आ गया है।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस से कहा- ‘आपने (दिल्ली पुलिस कानूनी विभाग से अनुमति नहीं ली है। आपने बिना अनुमति के चार्जशीट फाइल क्यों की?’ इस पर दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया है कि इस में मामले में आगामी 10 दिनों के दौरान कानूनी विभाग से अनुमति ले ली जाएगी।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान कानूनी विभाग से चार्जशीट की अनुमति नहीं लेने पर जज महोदय ने कहा, बिना सरकार की अनुमति के कैसे चार्जशीट दाखिल की।
गौरतलब है कि जेएनएयू देशद्रोह के मामले में CRPC के सेक्शन 196 के तहत जब तक सरकार मंजूरी नहीं दे देती, तब तक कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकता।
बता दें कि जेएनयू में 9 फरवरी, 2016 को आतंकी अफजल गुरु की बरसी पर देश के खिलाफ हुई नारेबाजी को लेकर 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया कुमार समेत 10 लोगों के खिलाफ 1200 पेज की चार्जशीट दाखिल की है।
इस चार्जशीट में शामिल 10 लोगों में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, सैयर उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के नाम शामिल हैं। कन्हैया कुमार के साथ अपराजिता राजा का नाम भी पुलिस ने केस में दर्ज किया है। शहला राशिद और सीपीआइ लीडर डी राजा की बेटी अपराजिता राजा इस मामले में आरोपी हैं। चार्जशीट पर कन्हैया कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं मोदी और पुलिस का धन्यवाद देना चाहता हूं।
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि कन्हैया ने देशद्रोही नारों का समर्थन किया है। इसे दिल्ली पुलिस ने लोगों के बयान से स्टेबलिश किया है। वहीं, कन्हैया की मौजूदगी को वीडियो से स्टेबलिश किया गया है। इस केस में पुलिस ने कन्हैया कुमार को मुख्य आरोपी बनाया है।
वहीं अनिर्बान, उमर खालिद और सात कश्मीरी छात्र भी आरोपित हैं। पुलिस को कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है। चार्जशीट के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी लगाए देश विरोधी नारे लगाए हैं। बताया जा रहा है कि स्पेशल सेल ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस कमिश्नर और अभियोग से जरूरी निर्देश ले लिए हैं।
जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर आरोप है कि उसने 9 फरवरी की शाम प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया था। आरोप यह भी है कि जेएनयू परिसर में अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए अनुमति की प्रक्रिया अधूरी थी।
इस पर कन्हैया ने पिछले दिनों बेगूसराय (बिहार) में भी कहा था कि वर्तमान सरकार के पास कोई मुद्दा ही नहीं बचा है सिर्फ पाकिस्तान, मंदिर और हिंदू-मुसलमान की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह डिप्रेशन के दौर से गुजर रही है और दोबारा सत्ता पाने के लिए वह किसी भी हद से गुजरने को तैयार हैं। आने वाले चुनाव में जनता सरकार को सबक सिखाएगी।