सोनिया गांधी का राजनीति में अहम योगदान
सोनिया गांधी का भारतीय राजनीति में अपना एक अलग ही महत्व है सोनिया गांधी राजनीति के दांव खेलने में माहिर है सोनिया गांधी राजनीति में चाणक्य से कम नहीं है सोनिया ने राजनीति में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। सोनिया गांधी ने अपने परिवार की घटनाओं को देखते हुए कहा था कि मैं राजनीति में कदम नहीं रखूंगी।
सोनिया गांधी को कांग्रेस कि तरफ से अध्यक्ष बनाया गया सोनिया गांधी को लेकर कई मुद्दे को उठाया गए उन्हें हिंदी बोलना कम आता था उसको लेकर मुद्दा बनाया गया परिवारवाद को लेकर भी आरोप लगे सोनिया गांधी की दस मजबूत शक्तियों में गिनती होती थी। सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष बनी उसके बाद उन्होंने डॉ मनमोहन सिंह को लगातार दो बार प्रधानमंत्री बनाया।
सोनिया गांधी का जन्म इटली में हुआ था। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई जो उस समय ट्रिनिटी कॉलेज कैम्ब्रिज में पढ़ते थे। 1968 में दोनों का विवाह हुआ जिसके बाद वे भारत में रहने लगीं उन्होंने 1983 में भारतीय नागरिकता स्वीकार की सोनिया ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कमान संभाली और लगातार 19 वर्षों तक अध्यक्ष बनी रहीं। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी पार्टी की जिम्मेदारियों से मुक्त हो गई हैं हालांकि अभी भी वे राजनीति में हैं।
उनकी ही राजनीति की वजह से कांग्रेस मजबूत स्थिति में हुई हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 40 सीटों पर सिमट गई सोनिया गांधी एक अच्छी राजनीति के लिए जानी जाती है और राजनीति को आज भी बड़े-बड़े नेता याद करते है सोनिया गांधी मजबूत तरीके से अपने ही अंदाज में बोलती है देश की राजनीति उनके इर्द गिर्द घूमती है और आगामी 2019 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाने के लिए अपनी रूपरेखा तैयार का रही है।