UNGA: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में जानें PM मोदी व इमरान के संबोधन में का अंतर

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में एक तरफ पीएम मोदी ने जहां महज 17 मिनट के भाषण में 17 बिंदुओं पर चर्चा की और ये संदेश देने का प्रयास किया कि भारत कैसे अपनी अंदरूनी समस्याओं से निपटने हुए दुनिया के लिए मिसाल पेश कर रहा है।
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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद से जिस तरह पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ खेमेबाजी की नाकाम कोशिशें कर रहा है, उससे यह तय था कि इस मंच से भी वह कश्मीर मुद्दे को उठाने से चूकेंगे नहीं। यही हुआ भी। वहीं पीएम मोदी ने एक जिम्मेदार देश की तरह बिना किसी का नाम लिए विश्व को आगाह किया कि इससे लड़ना ही होगा।
इससे वर्ष 2014 में भी पीएम मोदी ने इस मंच से सभी पड़ोसी देशों के साथ मित्रता को बढ़ावा देने की बात की थी। उस वक्त भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ कश्मीर राग अलापने से नहीं चूके थे। आइये जानते हैं 74वें सत्र में पीएम मोदी और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के संबोधन में क्या 10 प्रमुख अंतर रहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महासभा में संबोधन के लिए निर्धारित समय सीमा का ध्यान रखा। महासभा में प्रत्येक नेता के संबोधन के लिए लगभग 15 मिनट का समय निर्धारित था। मोदी मोदी ने 17 मिनट में तमाम मुद्दों पर चर्चा करते हुए अपना भाषण समाप्त कर दिया।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान आधे घंटे से ज्यादा समय तक बोलते रहे। इस दौरान उन्हें कई बार बर्जर बजाकर और लाल बत्ती जलाकर भाषण की समय सीमा समाप्त होने का संकेत दिया जाता रहा, लेकिन उन्होंने इन चेतावनियों के बावजूद समय-सीमा का ध्यान नहीं रखा।
इमरान खान पूरे भाषण के दौरान कभी धमकी भरे तो कभी मायूसी भरे लहजे में खून-खराबे और युद्ध की बातें करते रहें। उन्होंने यूएन के मंच से भी परमाणु युद्ध की धमकी दे डाली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में एक बार भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया।
प्रधानमंत्री मोदी पूरे भाषण के दौरान एक धीर-गंभीर और जिम्मेदार नेता के रूप में नजर आए। उन्होंने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि उन्हें केवल भारत की ही नहीं, बल्कि दुनिया की भी चिंता है।
इमरान खान पूरे भाषण के दौरान एक नौसिखिये और अधीर नेता की तरह बर्ताव करते रहे। वह किसी भी हाल में अपनी गलत बातों को भी मनवाने पर अड़े हुए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और मनी लॉड्रिंग जैसी चुनौतियों क विस्तार से उठाया। साथ ही इस दिशा में किए जा रहे भारत के सफल प्रयासों की जानकारी भी संयुक्त राष्ट्र महासभा को दी।