प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं दी, बिड़ला का हाथ पकड़ कुर्सी तक ले गए पीएम, कहा- बिड़ला सुगमता से करेंगे लोकसभा का संचालन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि वह वर्षों के अपनी सामाजिक संवेदना भरे जीवन के कारण सदन का सुगमता से संचालन कर पाएंगे।
OP Birla on his first Parliament session as the Lok Sabha speaker: Will work by taking everyone together, gaining everyone's trust. To maintain the dignity of the constitutional post, the speaker should be unbiased, and must also appear unbiased in conduct. pic.twitter.com/9DLQxB0zFE
— ANI (@ANI) June 19, 2019
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिड़ला को अध्यक्ष के नाते सभी को अनुशासित और अनुप्रेरित करने तथा सत्तापक्ष को भी नियमों की अवहेलना पर टोकने का अधिकार होगा। प्रधानमंत्री ने उन्हें विश्वास दिलाया कि सरकार उनके कामकाज को सरल बनाने में शत-प्रतिशत योगदान देगी। जब ओम बिड़ला स्पीकर चुने गए, तब पीएम मोदी खुद उन्हें लोकसभा स्पीकर की कुर्सी तक हाथ पकड़ कर ले गए और उन्हें बैठाया।
सदन में बुधवार को ध्वनिमत से राजस्थान के कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए बिड़ला के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन के बाद मोदी ने भाजपा के संगठन में साथ में काम करने के दिनों को याद करते हुए कहा कि बिड़ला छात्र राजनीति से यहां तक पहुंचे हैं और उन्होंने जन आंदोलन से ज्यादा ध्यान जनसेवा पर केंद्रित रखा है।
Delhi: MPs congratulate newly elected Speaker of Lok Sabha, Om Birla. pic.twitter.com/JzoOAou8YB
— ANI (@ANI) June 19, 2019
उन्होंने राजस्थान विधानसभा में सक्रिय भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने कहा, ”बिड़ला सार्वजनिक जीवन में विद्यार्थी काल में छात्र संगठनों से जुड़ते हुए जीवन के सर्वाधिक उत्तम समय में किसी भी विराम के बिना समाज की किसी न किसी गतिविधि से जुड़े रहे।
उन्होंने कहा, ”आपको इस पद पर आसीन होते हुए देखना अत्यंत हर्ष और गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि बिड़ला की कार्यशैली समाज केंद्रित रही है। उन्होंने गुजरात के कच्छ में भूकंप के समय और केदारनाथ की आपदा के समय अपनी टीम के साथ उपलब्ध सीमित व्यवस्थाओं में लंबे समय तक सेवा कार्य किया।
मोदी ने कहा कि बिड़ला अपने संसदीय क्षेत्र कोटा में भी ठंड में रात भर गलियों में निकलकर असहायों को कंबल आदि बांटते हैं। वह ‘प्रसादम संस्था के माध्यम से भूखों को भोजन और ‘परिधान के माध्यम से जनभागीदारी से जरूरतमंद लोगों को कपड़े, जूते मुहैया कराते हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संगठन के दिनों को याद करते हुए कहा कि बिड़ला ने एक समय संकल्प लिया था कि कोटा में कोई भूखा नहीं सोएगा और वह इस संकल्प को आज भी ‘प्रसादम के माध्यम से निभा रहे हैं जिसमें खोज-खोजकर जरूरतमंदों को खाना परोसा जाता है।
उन्होंने कहा, ”बिड़ला ने जन आंदोलन से ज्यादा जनसेवा पर ध्यान दिया। हमें विश्वास है कि वह हम सभी को अनुशासित भी करेंगे, अनुप्रेरित भी करेंगे। हमें विश्वास है कि वह सालों की सामाजिक संवेदना के जीवन के कारण सदन के संचालन का सुगमता से काम कर पाएंगे।
Congress leader Adhir Ranjan Chaudhary to newly elected Lok Sabha Speaker Om Birla: Khuda se kya maangu tere vaaste, sada khushiyon se bhare hon tere raaste, hansi tere chehre pe rahe is tarah, khushboo phoolon ke saath rehti hai jis tarah pic.twitter.com/9IJLKYYM4L
— ANI (@ANI) June 19, 2019
पीएम मोदी ने कहा कि बिड़ला के व्यक्तित्व की एक विशेषता है कि वह हल्के से मुस्कराते हैं और हल्के से बोलते हैं। उन्होंने कहा, ”इसे देखते हुए मुझे कभी कभी डर लगता है कि उनकी नम्रता और विवेक का कोई दुरुपयोग न कर दे।
उन्होंने कहा कि मैं सरकार की ओर से अध्यक्ष को विश्वास दिलाता हूं कि उनके काम को सरल करने में अपनी शत-प्रतिशत भूमिका निभाएंगे। मोदी ने कहा कि बिड़ला राजस्थान के कोटा से आते हैं जो आज कोचिंग संस्थानों के कारण शिक्षा का काशी बन गया है। राजस्थान का यह छोटा सा शहर लघु भारत बन गया है।
उन्होंने कहा, ”यह परिवर्तन जिसके योगदान और जिसकी पहल से हुआ, वह नाम है ओम बिड़ला। मोदी ने कहा कि राजनीतिक जीवन में हमारी छवि 24 घंटे तूतू-मैंमैं और हार जीत की होती है लेकिन एक सचाई कभी उजागर नहीं होती कि राजनीतिक जीवन में जितनी सामाजिक सहभागिता होगी समाज उतना स्वीकार करेगा। केवल और केवल राजनीति करने (हार्डकोर पॉलिटिक्स) का समय अब जा रहा है।
BJP MP from Kota, Om Birla elected as the Speaker of the 17th Lok Sabha. pic.twitter.com/Cuwe3zbRSA
— ANI (@ANI) June 19, 2019
इस मौके पर मोदी ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के पांच साल के कार्यकाल को भी याद किया और कहा कि वह हमेशा हंसते हुए काम करती थीं और सदस्यों को डांटने के बाद भी हंसती थीं। उन्होंने कहा कि महाजन ने उत्तम तरीके से सदन के संचालन की नयी परंपरा विकसित की।