महारैली में केजरीवाल ने कहा- यह जोड़ी संविधान को खत्म करना चाहती है

नई दिल्ली। ममता बनर्जी ने विपक्षी राजनीतिक दलों की महारैली को संबोधित किया। इस रैली का उद्देश्य केंद्र की मोदी सरकार को हटाना और विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन दिखाना है।
साल की शुरुआत में विपक्षी एकता का यह पहला मौका है। इस रैली में शामिल होने के लिए कई दिग्गज नेता पहुंचे हैं। जिसमें पूर्व पीएम देवेगौड़ा, तीन मुख्यमंत्री- चंद्रबाबू नायडू, एचडी कुमारस्वामी और अरविंद केजरीवाल, 6 पूर्व मुख्यमंत्री- अखिलेश यादव, फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, बाबूलाल मरांडी, मायावती (उनके प्रतिनिधि सतीश मिश्रा हिस्सा लेंगे) और गेगांग अपांग और 5 पूर्व केंद्रीय मंत्री- शरद यादव, शरद पवार, यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और राम जेठमलानी हैं। इसके अलावा भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी रैली में पहुंचे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की तुलना हिटलर से की। उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी की वजह से सवा करोड़ नौकरियां खत्म हो गई। गाली कदेने वाले लोगों को पीएम मोदी फॉलो करते हैं। यदि मोदी-शाह की जोड़ी दोबारा आई तो देश नहीं बचेगा। कुछ भी करो मोदी-शाह को भगाओ।
किसानों की फसले बर्बाद होती हैं तो मोदी जी और शाह उन्हें इंश्योरेंस कंपनियों के पास जाने को कहते हैं। यह कंपनियां मोदी जी के दोस्तों की हैं। यह जोड़ी संविधान को खत्म करना चाहती है। देश का युवा परेशान है उनके पास नौकरी नहीं है। मोदी और शाह जाने वाले हैं, देश के अच्छे दिन आने वाले हैं।’
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि जो बात बंगाल से चलेगी वो पूरे देश में नजर आएगी। बीएसपी के साथ हमारे गठबंधन से देश में खुशी की एक लहर आई है। आज इस रैली से देश की जनता में एक भरोसा पैदा होगा।
भाजपा का 40 दलों के साथ गठबंधन है। चुनाव के नजदीक आते ही उसने सीबीआई और ईडी से भी गठबंधन कर लिया है। लेकिन हमारा गठबंधन जनता से है। मोदी के नाम ने देश को निराश किया है।
एचडी कुमारस्वामी ने कहा, ‘नोटबंदी के जरिए इस सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को बेहाल कर दिया है। अलोकतांत्रिक नेता इस सरकार को चला रहे हैं। क्षेत्रीय दलों में लोगों के साथ जुड़ने और अपने राज्यों के हितों की रक्षा करने की मजबूत प्रवृत्ति है।
यह रैली केवल एक शुरुआत है। हम इस सरकार के खिलाफ देशभर में मार्च करेंगे। यह हमारा दुर्भाग्य है कि आज केंद्र मे ऐसी सरकार है जिसका नेतृत्व करने वाले नेता को संविधान पर भरोसा नहीं है।
सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, ‘फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं। किसान असंतुष्ट हैं, इस सरकार के अंतर्गत अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ऐसी सरकार को उखाड़ने की जरूरत है।
यदि हम संविधान को बचाना चाहते हैं तो हमें भाजपा सरकार से मुक्ति पाने की जरूरत है। वोट के लिए भाजपा जनता से झूठ बोल रही है। बेरोजगारी बढ़ रही है। किसान, मजदूर, अल्पसंख्यकों और दलितों को सताया जा रहा है।’
यशवंत सिन्हा ने महारैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। मोदी मुद्दा नहीं, देश के मुद्दे हमारे लिए अहम हैं। हर लोकतांत्रिक संस्था पर आज हमला हो रहा है। मोदी सरकार आंकड़ों से छेड़छाड़ करती है।
कश्मीर का समाधान गोली से नहीं प्यार की बोली से होगा। सरकार विरोधी को देशद्रोही करार दिया जाता है। देश खतरनाक दौर से गुजर रहा है। गलत सोच वाली सरकार को बाहर करना है। सवाल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि देश का है। मोदी सरकार का इरादा कदेश को तोड़ने का है।’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘भाजपा की बांटने वाली राजनीति है। जो विरोध करता है उसे देशद्रोही बता दिया जाता है। सरकार की सोच तोड़ने वाली है। आज 22 पार्टियों का इंद्रधनुष बना है। रंग अलग होते हुए भी विपक्ष एक इंद्रधनुष है।