SC में आज अयोध्या मामले की सुनवाई, सियासत हुई तेज
नई दिल्ली। सियासी दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में थोड़ी देर में सुनवाई शुरू होगी। मामला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच के सामने सूचीबद्ध है, जो उचित पीठ के पास सुनवाई की तारीख तय कर सकती है।
इस पीठ द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई के लिये तीन सदस्यीय न्यायाधीशों की पीठ गठित किये जाने की उम्मीद है। उच्च न्यायालय ने इस विवाद में दायर चार दीवानी वाद पर अपने फैसले में 2.77 एकड़ भूमि का सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच समान रूप से बंटवारा करने का आदेश दिया था।
अखिल भारत हिन्दू महासभा ने एक अर्जी दायर कर सुनवाई की तारीख पहले करने का अनुरोध किया था परंतु न्यायालय ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था। न्यायालय ने कहा था कि 29 अक्टूबर को ही इस मामले की सुनवाई के बारे में आदेश पारित किया जा चुका है। हिन्दू महासभा इस मामले में मूल वादकारियों में से एक एम सिद्दीक के वारिसों द्वारा दायर अपील में एक प्रतिवादी है।
मामले में सियासत तेज हो गई है। विहिप सहित कई हिंदू संगठन राम मंदिर का निर्माण करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। राजग के सहयोगी शिवसेना ने कहा, अगर 2019 चुनाव से पहले मंदिर नहीं बनता तो लोगों से धोखा होगा। इसके लिए भाजपा और संघ को माफी मांगनी पड़ेगी।