पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद संसद में विपक्ष के निशाने पर भाजपा
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों की पहली बलि संसद का शीतकालीन सत्र चढ़ सकता है। संसद के दोनों सदनों में सभी दल अपने-अपने राग अलापते रहे, जिससे इसी शोर शराबा के बीच संसद की कार्यवाही ठप रही।
तीनों राज्यों में हार के बाद तो भाजपा अपने सहयोगी दलों के निशाने पर भी रही। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संसद राजनीति का अखाड़ा बन सकती है।
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सत्तारुढ़ भाजपा की हार से उत्साहित प्रमुख विपक्षी कांग्रेस के साथ सपा और बसपा जैसी पार्टियों ने संसद में सरकार के खिलाफ दो-दो हाथ करने की तैयारी में हैं।
संसद में सभी विपक्षी दल किसानों के मसले पर सरकार पर बरसेंगे, जबकि सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने से बाज नहीं आएगी। यह मुद्दा सड़क से लेकर संसद तक गरमाएगा। जबकि भाजपा अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकाप्टर सौदे में गिरफ्तार बिचौलिए के प्रत्यर्पण और उसमें कांग्रेस मिलीभगत पर चुटकी काटने से बाज नहीं आयेगी।
तीन बड़े राज्यों में हार के बाद भाजपा पर उसके सहयोगी दल भी आक्रामक हो गये हैं। नाराज शिवसेना अयोध्या में श्रीराम मंदिर के तत्काल निर्माण की मांग को लेकर संसद में हंगामा कर सकती है। केंद्र सरकार की समर्थक दक्षिणी राज्य तमिलनाडु की प्रमुख पार्टी एआईडीएमके ने एक बार फिर कावेरी जल विवाद का मुद्दा उठाया।