दिल्ली

दिल्ली-NCR में सायरन बजे! भूकंप मॉकड्रिल से थर्राया यमुनापार, जानें क्यों?


दिल्ली-एनसीआर में आज (शुक्रवार) सुबह से भूकंप और औद्योगिक आपदाओं से निपटने के लिए मेगा मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखना और आम नागरिकों को जागरूक करना है।

दिल्ली के यमुनापार क्षेत्र में भूकंप पर आधारित मॉकड्रिल की शुरुआत हो चुकी है। मौके पर पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, दमकल विभाग समेत तमाम एजेंसियां मौजूद रहीं। मॉकड्रिल के चलते संबंधित स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

दिल्ली के 11 जिलों में 55 स्थानों पर मॉकड्रिल

दिल्ली में यह अभ्यास 11 जिलों के 55 चिन्हित स्थानों पर किया जा रहा है। मध्य दिल्ली में सभी आपातकालीन एजेंसियों को एकत्र कर विभिन्न स्थानों पर भेजा गया, जिनमें चंद्रावल वाटर प्लांट, दरियागंज मेन मार्केट, सेंट स्टीफन अस्पताल, राजघाट, प्रगति पावर प्लांट, एम्स, साकेत कोर्ट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, राजीव गांधी अस्पताल (शाहदरा) और जीटीबी अस्पताल जैसे प्रमुख केंद्र शामिल हैं।

 

गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में भी मॉकड्रिल

गाजियाबाद में भी मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। संजय नगर स्थित संयुक्त अस्पताल में आपदा प्रबंधन को लेकर अभ्यास हुआ।
वहीं, ग्रेटर नोएडा में भूकंप और औद्योगिक आपदा से बचाव को लेकर चार स्थानों पर मॉकड्रिल की गई। आयोजन स्थल रहे –

  • विकास भवन
  • राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (GIMS)
  • डब्ल्यूएचओ सोसायटी
  • सावित्रीबाई फुले कन्या इंटर कॉलेज

इस दौरान डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और कर्मचारियों को आपातकालीन परिस्थितियों में बचाव कार्यों का प्रशिक्षण दिया गया। दमकल विभाग, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और पुलिस विभाग की टीमें现场 पर मौजूद रहीं।

गुरुग्राम और पलवल में भी मॉकड्रिल

गुरुग्राम में भी भूकंप के खतरे को देखते हुए पांच प्रमुख स्थानों पर मॉकड्रिल की गई।
पलवल जिले में जिला नागरिक अस्पताल में आयोजित मॉकड्रिल के दौरान एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने लोगों को आपदा प्रबंधन संबंधी जानकारी दी और मॉक अभ्यास कराकर जागरूक किया।

प्रशिक्षण से बढ़ेगी तैयारी

आपदा प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पूर्व तैयारी ही सबसे प्रभावी हथियार है। यह मॉकड्रिल न केवल सरकारी तंत्र की प्रतिक्रिया क्षमता को परखने का माध्यम है, बल्कि नागरिकों को भी संकट के समय सही निर्णय लेने में सहायक होगी।

 




Related Articles

Back to top button