सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की 1,558 असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन की नियुक्तियां, शिक्षा विभाग में हड़कंप – Parvat Sankalp News
पंजाब के सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन पदों पर की गई 1,558 नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रद्द कर दिया। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि यूजीसी (UGC) के नियमों के तहत दोबारा से चयन प्रक्रिया शुरू की जाए।
क्या है मामला?
पंजाब सरकार ने हाल के वर्षों में 1,158 असिस्टेंट प्रोफेसरों और लाइब्रेरियन की भर्ती की थी।
- इनमें से 135 की पोस्टिंग पहले ही हो चुकी थी।
- 609 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे लेकिन स्टेशन अलॉट होना बाकी था।
- शेष उम्मीदवार नियुक्ति या स्टेशन अलॉटमेंट का इंतजार कर रहे थे।
न्यायिक प्रक्रिया की पूरी पृष्ठभूमि
- इन भर्तियों को 2021 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
- सिंगल बेंच ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया।
- इसके खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील की गई।
- पंजाब सरकार ने कोर्ट से आग्रह किया कि कॉलेजों में स्टाफ की भारी कमी है, इसलिए शेष आवेदकों को नियुक्ति दी जाए।
- 2024 में डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त कर दिया और नियुक्तियों को हरी झंडी दे दी।
अब सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला
डिवीजन बेंच के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के बाद:
- सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया।
- पंजाब सरकार को निर्देश दिया कि नई चयन प्रक्रिया शुरू की जाए, जो यूजीसी नियमों के तहत हो।
प्रभावित उम्मीदवारों को बड़ा झटका
इस फैसले से वे सभी 1,558 उम्मीदवार प्रभावित हुए हैं जो या तो नियुक्त हो चुके थे, या नियुक्ति पत्र मिलने के बाद स्टेशन की प्रतीक्षा कर रहे थे। यह आदेश न केवल प्रशासनिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि उन उम्मीदवारों के लिए भी बड़ा झटका है जिन्होंने वर्षों तक इस भर्ती प्रक्रिया का इंतजार किया।