छत्तीसगढ़ पर रमन सिंह की राजनीति

आज हम बात करते हैं छत्तीसगढ़ की सियासत की, जहा डॉक्टर रमन सिंह बीजेपी के लिए एक ऐसा नेता साबित हुए जो आज छत्तीसगढ़ पर राज कर रहे है साथ ही राजनीति के इस युद्ध में मुख्यमंत्री बनने की हैट्रिक की है।
रमन सिंह मुख्यमंत्री बनने से पहले बीजेपी की केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री थे के बाद में उन्होंने लोगों के लिए छत्तीसगढ़ में जनता की समस्याओ को देखा और उन लोगो की समस्याओं पर ध्यान दिया जनता के लिए रोजगार, शिक्षा, बेरोजगारी, भष्टाचार, आंतकवाद, और नक्सली जैसे मुद्दों को लेकर कार्य किया जिससे रमन सिंह जनता के बीच में लोकप्रिय हुए रमन सिंह अपने राजनीतिक केरियर में अपने आप को कभी कमजोर महसूस नहीं किया।
डॉ. रमन सिंह कई राजनीति की पारीया खेलते खेलते वर्ष 1990 से 92 और वर्ष 1993-98 तक वे मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक रहे। विधानसभा की पत्रिका के संपादक के रूप अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1999 के लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव क्षेत्र से जीत हासिल की। इसके बाद रमन सिंह की लोकप्रियता को देखते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री बनाया।
रमन सिंह का चुनावी संग्रस
रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के वर्ष 2003 के प्रथम आम चुनाव में जनादेश मिलने के बाद पहली बार 2003 को रायपुर में हजारों लोगों के बीच मुख्यमंत्री पद का कार्य भार संभाला था और राज्य के दूसरे चुनाव में सफलता पाकर 2009 में विशाल जनसमुदाय के बीच दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। रमन सिंह ने तीसरी बार 2013 में छत्तीसगढ़ में हैट्रिक लगाई और मुख्यमंत्री बने। बता दे की रमन सिंह को 2013 में कांग्रेस से सीधी टक्कर मिली थी और 9 सीटों के अंतराल से छत्तीसगढ़ में रमन सिंह ने फिर से सत्ता पर अपना कब्ज़ा कर लिया कांग्रेस की अगर हम बात करें तो 2013 में 39 सीटे व बीजेपी ने 49 सीटों हासिल की छत्तीसगढ़ की राजनीति को लगातार चला रहे हैं।
आज कांग्रेस छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बनाने का रिकॉर्ड बनाना चाहती है वहीं रमन सिंह इस जीत को बरकरार रखने की कोशिश में है रमन सिंह व कांग्रेस के लिए 2018 के चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है बीजेपी चौथी बार छत्तीसगढ़ पर राज करने की फ़िराक में है वही दूसरी और कांग्रेस बीजेपी को मात देकर छत्तीसगढ़ पर राज करने की सोच रही है रमन सिंह के सामने अपने आप को फिर से राजनीति में आना और मुख्यमंत्री बनना एक चुनौती है वही कांग्रेस छत्तीसगढ़ में अपने पैर जमाने की कोशिश में है यह सब 2018 के विधानसभा चुनाव से ही पता लगेगा क़िस के हाथ में छत्तीसगढ़ का राज है।
यह लेखक के अपने निजी विचार है।
मुकेश यादव