Vijayadashami 2019: दशहरे के दिन इन जगहों पर नहीं होता है रावण दहन, जानें

दशहरा का त्योहार हम असत्य पर सत्य, बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाते हैं। इस दिन देशभर में रावण दहन का आयोजन होता है। रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं।
लंका के राजा रावण को हम बुराई का प्रतीक मानते हैं, उसके जीवन सी जुड़ी ऐसी कई बाते हैं जिसके बारे में जानना काफी रोचक है। कहा जाता है कि रावण के 10 सिर थे, हर सिर के अलग अलग अर्थ थे।
दशानन का अर्थ है- जिसके 10 सिर हों। कहा जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रावण ने वर्षों तक कठोर तप किया लेकिन भगवान शिव प्रसन्न नहीं हुए। इसके बाद रावण ने भगवान शिव को अपना सिर अर्पित करने का निर्णय लिया।
भगवान शिव की भक्ति में लीन रावण ने अपना सिर काटकर भोलेनाथ को अर्पित कर दिया, लेकिन उसकी मृत्यु नहीं हुई। उसकी जगह दूसरा सिर आ गया। ऐसे एक-एक करके रावण ने अपने 9 सिर भगवान शिव को अर्पित कर दिए।
रावण के 10 सिर के 10 अर्थ हैं या ये कहें कि वे 10 बुराइयों के प्रतीक माने जाते हैं। पहला काम, दूसरा क्रोध, तीसरा लोभ, चौथा मोह, पांचवां मादा (गौरव), छठां ईर्ष्या, सातवां मन, आठवां ज्ञान, नौवां चित्त और दसवां अहंकार।