सरकारी इमारतों में दुर्घटना होने पर पीड़ितों को मिलेगा लाखों का मुआवजा

नई दिल्ली। सरकारी इमारतों में होने वाली दुर्घटना पर हर मृतक आश्रित को 8 लाख रुपये तक का मुआवजा मुहैया कराने की नीति पर सरकार जल्द मुहर लगा सकती है।
कैबिनेट सचिवालय ने नीति प्रस्ताव पर कानून मंत्रालय से अंतिम राय मांगी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने यह नीति बनाने का निर्देश दिया था, जिसे जनवरी अंत तक सरकार को लागू करना है। विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों ने नीति के मसौदे पर सहमति जताई है।
अभी सिर्फ बस, रेलवे और हवाई जहाज दुर्घटना में लोगों को मुआवजा मिलता है। हाईकोर्ट ने सेफगार्ड लिमिटेड विरुद्ध कमिश्नर अंडर एंप्लॉय कंपनसेशन मामले में सरकार को नीति बनाने का निर्देश दिया था। इसके बाद तैयार किए गए मसौदे में मृतक आश्रित को 10 लाख रुपये मुआवजा देने पर विचार किया गया, जिसे विभिन्न मंत्रालयों की राय के बाद 8 लाख रुपये किया गया है।
नीति के तहत विकलांगता होने पर 5 लाख और गंभीर रूप से घायल होने पर एक लाख से दो लाख तक मुआवजा दिया जाएगा। इस नीति को तैयार करने का मकसद सरकारी भवनों में काम करने वालों समेत अन्य को सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराना है। इसका सर्वाधिक लाभ उन सरकारी या ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को मिलेगा, जिनका कार्य जोखिम भरा है।
तत्काल मिलेगा 25 फीसदी मुआवजा
नीति के मुताबिक मृतक आश्रित को 25 फीसदी मुआवजा तत्काल दिया जाएगा, जबकि बचा 75 फीसदी एक साल की निर्धारित अवधि में मुहैया कराया जाएगा। पुलिस को तीस दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी होगी। इस दौरान संबंधित कार्यालय के सक्षम अधिकारी को मुआवजा प्रक्रिया स्वत: संज्ञान लेकर शुरू करनी होगी।