2023-09-27

सत्य और शक्ति का दिन है महाशिवरात्रि, करे शिवजी का ध्यान मंत्र

डेस्क। ‘शिव महिम्न: स्तोत्र’ में प्रश्न है, ‘आप कैसे दिखते हैं शिव? हम आपका स्वरूप नहीं जानते। स्वयं शिव इस प्रश्न का उत्तर इस तरह देते हैं, ‘मैंने आपको दृष्टि दी है, जिस स्वरूप में मुझे देखना चाहते हैं देख लीजिए।

स्पष्ट संकेत है कि संसार में चल-अचल सब कुछ शिव ही हैं। समस्त आकारों के सृजनकर्ता शिव हैं, तो स्वयं निराकार भी शिव ही हैं। स्वयं जटाजूट धारण करने वाले और विष प्रेरित सर्प को आभूषण के रूप में धारण करने वाले शिव सभी ऐश्वर्य के अधिष्ठाता देव हैं।

शिवजी का ध्यान मंत्र

ध्यायेन्नित्यं महेशं रजत गिरिनिभं चारुचंद्रा वतंसम्,

रत्ना कल्पोज्ज्वल्लंग परशु मृगवरा भीति हस्तं प्रसन्नम्।।

पद्मासीनं समंतात स्तुतं मरगणैर व्याघ्र कृतिं वसानम्,

विश्वाध्यं विश्व बीजं निखिल भयहरं पंच वक्रं त्रिनेत्रम्।।

अर्थात इस जगत के आधार, समस्त रोग-शोक से भयमुक्त करने वाले, चन्द्र कांति वाले पद्मासन में बैठे भगवान शिव का ध्यान और मंत्र का प्रतिदिन उच्चारण मात्र सभी कष्टों से मुक्ति दिलाता है।

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