जस्टिस मिश्रा ने कहा- दिल्ली में जाम और प्रदूषण बहुत ज्यादा, रिटायरमेंट के बाद नहीं रहूंगा

नई दिल्ली। बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि अब दिल्ली रहने के लायक नहीं बची है। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि मुझे शुरुआत में दिल्ली आकर्षित लगी लेकिन अब ऐसा नहीं है।
जब मैं रिटायर हो जाऊंगा तो दिल्ली में नहीं रहूंगा। प्रदूषण पर जस्टिस मिश्रा ने आगे कहा कि दिल्ली में जाम और प्रदूषण बहुत ज्यादा है।
जाम की वजह से आज सुबह मुझे नए जजों के शपथग्रहण समारोह में पहुंचने में देरी हो गयी।
जस्टिस मिश्रा ने दिल्ली सरकार से कहा कि वो अगले दस दिनों के अंदर दिल्ली व मेरठ के बीच रेपिड रेल पर विचार करें और इसकी जानकारी कोर्ट को दें। दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि सरकार के पास उतने पैसे नहीं है जिस से वो रेपिड रेल पर विचार करे।
दिल्ली सरकार के जवाब पर कोर्ट ने कहा आप सा कहकर अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बच सकते हैं। यह सब सिर्फ आम लोगों के लिए ही किया जा रहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को एक फरवरी तक राजधानी में पार्किंग पॉलिसी को अंतिम रूप देने को भी कहा है।
बता दें कि वायु प्रदूषण को लेकर लंग केयर फाउंडेशन की अध्ययन रिपोर्ट ने दिल्ली के जहरीले वातावरण पर नया खुलासा किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली और गुरुग्राम में दिवाली के बाद हवा में कई तरह के जहरीले रसायन भारी धातु के रूप में मिले हैं।
पिछले वर्ष दिवाली के बाद फाउंडेशन ने दिल्ली और गुरुग्राम की सात जगहों से नवंबर और दिसंबर में अलग अलग सैंपल लेकर जांच की। सभी सैंपल घरों की ओपन (खुली) बॉलकनी से लिए हैं। इनकी जांच अमेरिकी लैब में कराई है।
फाउंडेशन के डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि मैग्नीज, लेड और निकल जैसे रासायनों के हवा में मिलने के कारण बच्चों को न्यूरोटॉक्सिन से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा रहता है। व्यस्क की तुलना में लेड के संपर्क में आने से बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं।