उत्तराखंड

Uttarakhand News- लोकतंत्र सशक्तिकरण की दिशा में कदम: उत्तराखण्ड के निर्वाचन अधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू….

नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर बूथ स्तर के चुनाव अधिकारियों के प्रशिक्षण के क्रम में उत्तराखण्ड के तीन जिला निर्वाचन अधिकारी, 12 ईआरओ और 70 बीएओ/बीएलओ सुपरवाइजर का दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एव निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया है।

देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी 353 प्रतिभागियों को संबोधित किया। उत्तराखण्ड के साथ हिमाचल, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के फील्ड लेवल के चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण चल रहा है। पिछले दो माह में आयोग द्वारा नई दिल्ली में 3,350 से अधिक बीएलओ स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है।

उत्तराखण्ड से जिला निर्वाचन अधिकारी ऊधमसिंह नगर, जिला निर्वाचन अधिकारी चम्पावत एवं जिला निर्वाचन अधिकारी बागेश्वर इस प्रशिक्षण में प्रतिभाग कर रहे हैं। इसके अलावा जनपद उत्तरकाशी,टिहरी,चमोली,पौड़ी,उत्तरकाशी,देहरादून, हरिद्वार, पिथौरागढ़, चम्पावत, बागेश्वर,अल्मोड़ा, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के एसडीएम स्तर के 12 ईआरओ एवं प्रदेश की सभी 70 विधानसभा से नामित 70 बीएओ/बीएलओ सुपरवाइजर हिस्सा ले रहे हैं। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण का मंगलवार को समापन होगा।

अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि चुनाव लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, निर्वाचक पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961 और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार सख्ती से आयोजित किए जाएं।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागी आरपी अधिनियम 1950 की धारा 24 (ए) के तहत डीएम/जिला कलेक्टर/कार्यकारी मजिस्ट्रेट और धारा 24 (बी) के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के पास प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के खिलाफ प्रथम और द्वितीय अपील के प्रावधानों से खुद को परिचित करेंगे। उन्होंने बीएलओ और बीएलओ सुपरवाइजर को अपने संवाद के दौरान मतदाताओं को इन प्रावधानों से अवगत कराने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

यह याद किया जा सकता है कि 6-10 जनवरी 2025 तक विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम संशोधन (एसएसआर) अभ्यास पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश से कोई अपील दायर नहीं की गई थी।

उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण प्रतिभागियों की व्यावहारिक समझ को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, विशेष रूप से मतदाता पंजीकरण, फॉर्म हैंडलिंग और चुनावी प्रक्रियाओं के क्षेत्र-स्तरीय कार्यान्वयन के क्षेत्रों में प्रतिभागियों को आईटी उपकरणों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण भी मिलेगा। अधिकारियों को मॉक पोल सहित ईवीएम और वीवीपैट का तकनीकी प्रदर्शन और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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