अशोक गहलोत की राजनीति में अहम भूमिका

अशोक गहलोत आज कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव है वह पहली बार 1980 में जोधपुर से 7वीं लोकसभा के सांसद बने । उसके बाद अशोक गहलोत 8वीं , 10वीं, 11वीं, 12वीं, लोकसभा के सांसद रहे। गहलोत पहली बार सरदारपुरा(जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए उस समय वो राजस्थान की विधानसभा के सदस्य बने। वह पहली बार 1982 को इंदिरा गाँधी सरकार में पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री बने। उसके बाद 1984 को राजीव गाँधी सरकार में खेल उप केन्द्रीय मंत्री बने वह 1991 को पी वी नरसिम्हा राव सरकार में केन्द्रीय कपडा राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) बने। अशोक गहलोत को राजस्थान की राजनीति का जादूगर माना जाता है उन्हें राजनीति को परखना भी आता है अशोक गहलोत एक जाने-माने राजनेता के रूप में जाने जाते हैं और सियासी गलियारों में उनका नाम आता है।
अशोक गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्नातक और अर्थशास्त्र विषय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। अशोक गहलोत केंद्र सरकार में कई मंत्रालय संभाल चुके है और गहलोत 3 बार राजस्थान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके है। गहलोत दिसंबर 1998 को पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने उनका कार्यकाल दिसंबर 2003 को समाप्त हुआ। अशोक गहलोत दूसरी बार 13 दिसंबर 2008 को मुख्यमंत्री बने और उनका कार्यकाल 12 दिसंबर 2013 तक रहा।
2013 विधानसभा चुनाव में राजस्थान में बीजेपी सत्ता में आयी कांग्रेस महज 20 सीटों पर काबिज हो पाई 2013 के चुनाव में हार के बाद गहलोत को दिल्ली की राजनीति में बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है गहलोत राजस्थान से दिल्ली तक नजर आ रहे हैं राजस्थान के 2018 के दंगल को जीतने के लिए अशोक गहलोत को फिर अपना करिश्मा दिखाना पड़ेगा और राजस्थान को कांग्रेस हाथों में सोपेंगे और यह सब विधानसभा चुनाव 2018 में पता लगेगा की सियासी दांव पेज और किसकी राजनीति काम आएगी आखिर किस को राजस्थान की गद्दी मिलेगी यह तो एक दिलचस्प देखने वाली बात है लेकिन हम बात करते हैं अशोक गहलोत जो एक जादूगर के नाम से भी जाने जाते हैं और राजनीति में भी बड़े राजनीतिज्ञ के रूप में लोग प्रेरणा मानते हैं।
यह लेखक के अपने निजी विचार है।