मुंगेर सदर अस्पताल में नए DM का औचक निरीक्षण: कई डॉक्टर-कर्मचारी गायब, DM ने लिया एक्शन
डीएम ने किया सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण, लापरवाही पर जताई नाराजगी
सहरसा: जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने मंगलवार को सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। शाम करीब चार बजे अचानक नवनिर्मित मॉडल अस्पताल पहुंचे डीएम ने सबसे पहले वार्ड में भर्ती मरीजों से अस्पताल व्यवस्था की जानकारी ली। इस दौरान कई चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी से गायब मिले, जिनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए डीएम ने उनके वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगाने का निर्देश दिया।
निरीक्षण के क्रम में डीएम ने इमरजेंसी वार्ड, ओपीडी, रजिस्ट्रेशन काउंटर, दवा वितरण केंद्र, एक्स-रे कक्ष, महिला व पुरुष सर्जिकल वार्ड और प्रसव वार्ड सहित अन्य विभागों का जायजा लिया। मरीजों के परिजनों ने शिकायत की कि रात की शिफ्ट में डॉक्टर और नर्स मौजूद रहते हुए भी मरीजों को देखने नहीं आते। इस पर डीएम ने सिविल सर्जन को संबंधित कर्मियों से जवाब तलब करने और ड्यूटी रोस्टर में बदलाव के निर्देश दिए।
इमरजेंसी वार्ड में बेड पर चादर नहीं मिली और लैब टेक्नीशियन रूपेश कुमार अनुपस्थित पाए गए। सामान्य ओपीडी में मरीजों ने बताया कि डॉक्टर अब तक नहीं आए हैं। ओपीडी में डॉ. हर्षवर्धन, डॉ. निरंजन, डॉ. पुतुल कुमारी और प्रसव वार्ड की डॉ. स्वाति अट्रोलिया अनुपस्थित रहीं। सभी से स्पष्टीकरण मांगते हुए डीएम ने उनके वेतन पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए।
नेत्र विभाग, सीटी स्कैन और वन स्टॉप सेंटर को नए भवन में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया। दवा काउंटर पर मरीजों से दवा की उपलब्धता पूछी गई, जहां डाइसाइक्लोमिन दवा नहीं मिलने पर तत्काल व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
सर्जिकल वार्ड में एक मरीज के परिजन ने बताया कि डॉक्टर राउंड पर नहीं आते। डीएम ने तीनों पालियों में नियमित राउंड लगाने का निर्देश दिया। पेयजल की अनुपलब्धता पर नाराजगी जताई गई और तत्काल शुद्ध जल की व्यवस्था करने को कहा गया। जर्जर व गंदी वाटर कूलर मशीन देखने पर अस्पताल प्रबंधक को फटकार लगाई।
प्रसव वार्ड में सभी कर्मियों का ड्यूटी रोस्टर चस्पा करने का निर्देश देते हुए डीएम ने बताया कि सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ड्यूटी में रहने के बावजूद डॉ. निधि एक बार भी राउंड पर नहीं आईं। इस पर उनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
निरीक्षण के अंत में डीएम ने सिविल सर्जन और उपाधीक्षक को एक सप्ताह के भीतर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार लाने का स्पष्ट आदेश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सुधार नहीं हुआ तो सभी जिम्मेदार कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।