गांगुली, सचिन, सहवाग जैसे दिग्गजों से है युवराज सिंह की दोस्ती

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के सिक्सर किंग युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। टीम इंडिया के लिए काफी कम टेस्ट मैच खेलने वाले युवी इन दिनों लंबे वक्त से वनडे व टी 20 टीम का हिस्सा नहीं थे। हालांकि युवी ने पिछले दिनों टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए काफी मेहनत की।
युवी के बारे में ये तो सब जानते हैं कि उन्होंने टीम इंडिया को टी20 विश्व कप 2007 और वनडे विश्व कप 2011 का खिताब दिलाने में बड़ी ही अहम भूमिका निभाई थी। पर क्या आपको बता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण से पहले भी युवी दो विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके थे।
वर्ष 1996 में भारतीय अंडर16 टीम ने विश्व कप खिताब जीता था और युवी उस टीम का हिस्सा थे। इसके बाद वर्ष 2000 में भारतीय अंडर19 टीम ने मो. कैफ की कप्तानी में विश्व कप खिताब अपने नाम किया था। युवी ने इस टूर्नामेंट में कमाल का ऑलराउंड प्रदर्शन किया था और ‘मैच ऑफ द टूर्नामेंट’ चुने गए थे। इसके बाद ही युवराज सिंह का चयन भारतीय क्रिकेट टीम में हुआ था। इसके बाद धोनी की कप्तानी में वर्ष 2007 टी 20 विश्व और फिर वर्ष 2011 वनडे विश्व कप दिलाने में जो भूमिका निभाई उसके बारे में पूरी दुनिया को पता है।
युवराज सिंह के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बात करें तो भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व 17 वर्षों तक किया। अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में 402 मैचों के 391 पारियों में कुल 11778 रन बनाए और उनका औसत 35.05 का रहा। क्रिकेट में उनका सर्वाधिक स्कोर 169 रन रहा।
उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में सिर्फ दो बार 150 या उससे ज्यादा रन बनाए। उनके नाम पर कुल 17 शतक और 71 अर्धशतक हैं। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में कुल 1245 चौके व 151 छक्के लगाए। युवराज सिंह ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में कुल 148 विकेट लिए हैं। उन्होंने पांच विकेट लेने के कमाल भी एक बार किया और उनकी बेस्ट गेंदबाजी 31 रन देकर पांच विकेट था। युवी बेहतरीन फील्डर भी थे और उन्होंने कुल 137 कैच भी पकड़े।
युवी ने अपने करियर में एक बार 300 रन की साझेदारी की जबकि 40 बार 200 रन की साझेदारी निभाई। 100 रन की साझेदारी उन्होंने 46 बार की। युवराज सिंह 34 बार ‘मैन ऑफ द मैच’ बने जबकि अपने करियर में वो 8 बार ‘मैन ऑफ द सीरीज’ रहे।