‘तुम सबका ध्यान रखना, जल्दी घर आऊंगा’, तिरंगे में लिपटा हुआ आया शहीद कौशल किशोर का पार्थिव शरीर, नम आंखों से लोगों ने दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली। आगरा के कहरई गांव में शनिवार तड़के पौने 4 बजे तिरंगे में लिपटा हुआ शहीद कौशल किशोर रावत का पार्थिव शव आया। शव के घर पहुंचते ही परिजन बिलख-बिलख कर रोने लगे। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए उनके घर जन सैलाब उमड आया।
इसके पश्चात कौशल किशोर के पार्थिव शरीर को घर के ही आंगन में रखा गया जहां बारी-बारी कर गांव वालों, रिश्तेदारों व परिजनों ने पुष्प अर्पित किए।
इसके पश्चात शहीद कौशल किशोर पूरे राजकीय सम्मान के साथ गमगीन माहौल में शहीद कौशल किशोर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। लोगों ने शहीद की शहादत को नम आंखों से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। इस दौरान चारों और गम की खामोशी पसर गई।
‘मैं जम्मू पहुंच गया हूं। कल सुबह (गुरुवार को) कश्मीर के लिए अन्य जवानों के साथ निकलूंगा। छुट्टी लेकर जल्दी घर आऊंगा। तुम सबका ध्यान रखना।’ पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान कहरई के कौशल किशोर रावत की बेटी अपूर्वा से आखिरी बार फोन पर यही बात हुई थी। इसके बाद उनकी शहादत की खबर ही बेटी को मिली।
शहीद कौशल किशोर की पत्नी और बच्चे गुड़गांव में रहते हैं। गुरुवार रात को परिवार कहरई पहुंच गया। बेटी अपूर्वा की शादी हो चुकी है। लंबी छुट्टी गुजारने के बाद 12 फरवरी को ही जम्मू के लिए रवाना हुए थे। घटना के एक दिन पहले 13 फरवरी की शाम को जम्मू से ही कौशल किशोर ने बेटी अपूर्वा से फोन पर बात की।
कहा था कि ‘मैं यहां ठीकठाक तरीके से पहुंच गया हूं। तुम लोग मेरी चिंता मत करना। अपना ध्यान रखना। मेरे पास प्रीपेड सिम है। कश्मीर में यह काम नहीं करेगी। इसलिए जल्द ही पोस्टपैड कनेक्शन लूंगा। तब बात करूंगा। जल्द ही छुट्टी लेकर घर आऊंगा।’
अपूर्वा बताती हैं कि कश्मीर पहुंचने पर पापा से फोन पर बात होती, इससे पहले ही उनकी शहादत की खबर आ गई। पिता को खोने के दर्द के बीच उनकी शहादत पर गर्व करते हुए बेटी ने कहा कि पापा में देशभक्ति का जज्बा था। छुट्टियों में जब भी घर पर आते थे, देश सेवा की बहुत सी बातें करते थे। हमें प्रेरित भी करते थे। बुधवार की शाम आखिरी बार बातचीत को याद करते हुए वह रोने लगती है।