कौन है वो कम्युनिटी, जिसका इंदौर में स्वागत करेंगे PM मोदी , तीन देशों में सत्ता के शीर्ष पर

भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों के लिए पहली बार साल 2002 में PIO कार्ड को लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य विदेशों में रह रहे भारतीयों को उनकी थर्ड जेनरेशन से जोड़ना था। OCI कार्ड को 2005 में लागू किया गया था।
अप्रैल 2022 में लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया था कि 1 जनवरी 2015 से 30 सितंबर 2021 के बीच करीब 9 लाख लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। हर रोज करीब 350 भारतीय देश की नागरिकता छोड़ रहे हैं।
PIO कार्ड की तुलना में ज्यादा बेनिफिट दिए गए थे। यह कार्ड जीवनभर के लिए वैलिड था। 2015 में PIO कार्ड स्कीम को भारत सरकार ने वापस ले लिया और इसे OCI में मर्ज कर दिया।