पटौदी सीट भाजपा के लिए मुश्किलें क्या ?

डेस्क। हरियाणा में तेजी से विकसित होते इलाकों में गुरुग्राम का नाम सबसे आगे और ना केवल हरियाणा में बल्कि देश में गुरुग्राम जो जॉब हब के तौर पर जाना जाता है।इसी गुरुग्राम के एक विधानसभा सीट है पटौदी
लेकिन दिल्ली इतना पास होने के बाद भी विकास से कोसों दूर हैं। मानेसर,रेवाड़ी ,गुरुग्राम के जैसे बड़े जॉब हब होने के बाद भी पटौदी में ना रोजगार है। सड़कें भी हिचकोले वाली है।
इतना पास होने के बाद भी पिछड़े होने का मतलब है। जैसे चांद में दाग होना पटौदी के मुख्य बाजार में आए दिन जाम लग जाता है।भाजपा भले ही स्वच्छ भारत अभियान पर जोर देती रही हो मगर पटौदी में नालियां 12 महीने कचरे और गंदे पानी से अटी रहती है।ऐसे में पटौदी के स्थानीय बाशिंदे भाजपा से खासे नाराज है।
क्योंकि बीजेपी कि मौजूदा विधायक विमला चौधरी ने पूरे 5 साल क्षेत्र के विकास को दरकिनार किया है। शायद 5 साल में उनकी नाकामियों के चलते ही पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है। लेकिन टिकट कटने से नाराज विमला चौधरी का गुट भाजपा के लिए मुसिबत खड़ी कर सकता है।
आमजन में रोष और पार्टी के बीच गुटबाजी का भाजपा को सीधा सीधा नुकसान हो सकता है। इसी तरह के समीकरण 21 तारीख तक रहे,तो यह मुसीबत हार में भी तब्दील हो सकती है। सबकी नजरें हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों पर बेसब्री से टिकी हुई है।