अंतिम संस्कार के बाद जिंदा घर आया युवक

जयपुर। राजस्थान के पाली जिले में हादसे में मारे गए एक युवक की गलत शिनाख्तगी की वजह से दूसरे युवक के परिवार को 20 दिन तक दुःख का पहाड़ झेलना पड़ा। युवक के परिजनों ने मृतक के पास मिले आधार कार्ड की गलतफहमी की वजह से उसको अपना बेटा मान बैठे।
जिस के कारण अज्ञात व्यक्ति का दाह संस्कार कर दिया, बाद में उसके बाहरवें की रस्म भी कर दी गई। लेकिन 20 दिन बाद युवक जिंदा वापस परिजनों से मिला तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
अब पुलिस उसका पता लगा रही है जो मारा गया था वो कौन था? दरअसल गत 17 सितंबर को जोधपुर के मंडोर थाना इलाके में मघराजजी का टांका के पास हुए हादसे में एक युवक की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी।
हादसे में युवक का शव क्षत-विक्षत होकर दो-तीन टुकड़ों में बंट गया था। मंडोर थाना पुलिस ने मृतक की जेब से मिले आधार कार्ड को देखकर उसकी पहचान पाली जिले के बिलता बाड़िया के प्रकाश पुत्र नारायण राम के रूप में की। पुलिस ने युवक के परिजनों को बुलाकर शव उनको सुपुर्द कर दिया, जिससे ऐसा मामला घटित हुआ।
प्रकाश जोधपुर में रहकर मजदूरी करता है, इसी बीच बिलता बाड़िया गांव निवासी कालूराम का दो दिन पहले जोधपुर में प्रकाश से सामना हो गया, वह उसे देख कर अचंभित हो गया। उसने तुरंत प्रकाश के पिता और भाई को इसकी सूचना दी, मिलकर बड़ी ख़ुश हुए।
प्रकाश ने बताया कि उसका आधार कार्ड 2 माह पूर्व गुम हो गया था, वह शायद हादसे के शिकार हुए युवक को मिल गया होगा। उसी आधार कार्ड से पुलिस ने मृतक की शिनाख्त करवा ली और परिजनों ने भी उसे स्वीकार कर शव ले लिया। अब पुलिस पुनः जांच में जुटी है कि आखिर हादसे में मारा गया मृत युवक कौन था?