2023-09-26

रामजन्मभूमि पर महज 0.313 एकड़ भूमि पर अटक गया केस, जानिए…

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि अयोध्या में जो गैर विवादित भूमि है, उसे रामजन्मभूमि न्यास को वापस सौंप दिया जाए। सरकार की ओर से कहा गया है कि विवादित भूमि सुप्रीम कोर्ट अपने पास रखे।

अयोध्या में विवादित जमीन के आस-पास करीब 70 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के पास है। इसमें 2.77 एकड़ की जमीन पर इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय ने अपना फैसला सुनाया था। दरअसल, जिस भूमि पर विवाद है वह जमीन महज 0.313 एकड़ है। 1993 में सुप्रीम कोर्ट ने इस भूमि पर स्टे लगाया था और किसी भी तरह के क्रियाकलाप पर रोग लगा दी थी।

1991 में उत्तर प्रदेश की कल्याण सरकार ने विवादित ढांचे के आस-पास की 2.77 एकड़ भूमि को अपने अधिकार में ले लिया था।
इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने 30 सितंबर 2010 को 2.77 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर फैसला सुनाया था।

कोर्ट ने कहा था कि जिस जगह पर रामलला की मूर्ति है, उसे रामलला विराजमान को दे दिया जाए। राम चबूतरा और सीता रसोई वाली जगह निर्मोही अखाड़े को दे दी जाए।

इस फैसले को निर्मोही अखाड़े और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने नहीं माना और उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। अदालत ने 9 मई, 2011 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट में यह केस तभी से लंबित है।

केंद्र सरकार ने अपनी मौजूदा रिट में कहा है कि 67 एकड़ जमीन का सरकार ने अधिग्रहण किया था, जिस पर शीर्ष अदालत ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया। जमीन का विवाद सिर्फ 2.77 एकड़ का है, बल्कि बाकी जमीन पर कोई विवाद नहीं है।

सरकार चाहती है जमीन का बाकी हिस्सा राम जन्मभूमि न्यास को दिया जाए और सुप्रीम कोर्ट इसकी इज़ाजत दे। न्याय के हित में ये सही होगा कि सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में संशोधन करे ताकि केंद्र मालिकों को जमीन वापस कर दे।

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के मसले पर मोदी सरकार का यह बड़ा कदम हो सकता है। दरअसल, ये बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि पर यथास्थिति के आदेश वापस लेने की अर्जी है। अर्जी में कहा गया है कि 2.77 एकड़ जमीन पर निर्माण का अधिकार मिले।

सरकार ने हिंदू पक्षकारों को दी जमीन रामजन्म भूमि न्यास को देने की अपील की है। केंद्र सरकार का कहना है कि विवादित 0.313 एकड़ जमीन पर प्रवेश व निकासी के लिए वह योजना तैयार कर देगी ताकि जमीनी विवाद पर जो भी केस जीते उसे 0.313 एकड़ जमीन पर जाने- आने में कोई परेशानी नहीं हो।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही कोई कदम उठाएगी, लेकिन केंद्र सरकार पर मंदिर के निर्माण को लेकर चौतरफा दबाव पड़ रहा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि चुनाव में इसे लेकर कोई नुकसान ना हो, इसलिए मोदी सरकार एक्शन में आ गई है।

About Author

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved jaihindustannews | Newsphere by AF themes.