कोलकाता पुलिस के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट जाएगी सीबीआई
नई दिल्ली। कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ करने गए सीबीआई अधिकारियों को हिरासत में रोके जाने से सकते में आई सीबीआई सुबह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
देर शाम तेजी से बदलते घटनाक्रम के बाद सीबीआई में इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया गया है।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कानूनी विशेषज्ञों की सलाह के बाद जल्द ही उचित कार्रवाई होगी। सीबीआई अधिकारियों की मानें तो सारधा और रोज वैली चिटफंड घोटाले की जांच की जिम्मेदारी अदालत ने ही उसे दी थी।
सीबीआई अब इस घोटाले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। इस सिलसिले में सभी संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है और सुबूतों के आधार पर कई आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल किया जा चुका है।
कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी ने कहा कि एसआइटी जांच के दौरान सुबूतों से छेड़छाड़ किये जाने और कुछ हाईप्रोफाइल लोगों को जांच से बचाने के लिए सुबूत नष्ट करने के पर्याप्त प्रमाण हैं।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह दुख की बात है कि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी को राजनीतिक लड़ाई का मोहरा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजीव कुमार से पूछताछ के लिए सीबीआई की टीम अचानक उनके घर नहीं गई थी। इसके पहले राजीव कुमार को दो समन भेजे गए थे।
संघीय ढांचे के तहत केंद्र सरकार के पास हस्तक्षेप करने के अधिकार सीमित हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी को काम करने से रोका जाना एक तरह से अदालत की अवमानना का भी मामला बनता है, क्योंकि सीबीआइ उसी के आदेश से जांच कर रही है। दूसरी ओर, यह संवैधानिक संकट का भी मामला है।
राज्य सरकारें इस तरह यदि केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को हिरासत में लेना शुरू कर दें, तो भविष्य में किसी भी केस की जांच मुश्किल हो जाएगी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ही संघीय ढांचे के तहत जांच एजेंसी के अधिकारों को स्पष्ट कर सकता है।