सुप्रीम कोर्ट ने एक शख्स की सजा-ए-मौत को बदलकर किया उम्र कैद, जानिए मामला
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जेल में सज़ा काट रहे एक कैदी की सज़ाए-ए-मौत को उम्र कैद में बदल दिया. कैदी को एक बच्चे की हत्या करने के जुर्म में सज़ा हुई थी जेल में लिखी उसकी कविताओं से ज़ाहिर हो रहा था। उसने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया है और वह सुधार करना चाहता है।
जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दानेश्वर सुरेश बोर्कार ने जब बच्चे की हत्या की उस वक्त वह 22 साल का था उसकी लिखी कविताओं से ज़ाहिर हो रहा था कि वह समाज से जुड़ना चाहता है और एक सभ्य आदमी की तरह जीवन बिताना चाहता है।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि बोर्कार की कविताओं सहित और भी कई सबूत हैं जिनसे ज़ाहिर होता है उसने अपनी गलती स्वीकार कर ली है, बोर्कार को पुणे ट्रायल कोर्ट ने मौत की सज़ा सुनाई थी।