राजस्थान: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में राजस्थान में 12 सीटों पर वोटिंग खत्म, 63.10 प्रतिशत हुआ मतदान

जयपुर। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में सोमवार को राजस्थान की 12 सीटों पर मतदान शाम छह बजे खत्म हो गया। शाम 6 बजे तक प्रदेश में 60.10 प्रतिशत मतदान हुआ है।
वर्ष 2014 में हुए चुनाव में इन क्षेत्रों में 61.80 प्रतिशत मतदान हुआ था। प्रदेश में कई स्थानों पर मशीन में खराबी के कारण मतदान आधा घंटे रुका रहा। इन 12 सीटों पर दाे केंद्रीय मंत्रियों समेत 134 प्रत्याशी मैदान में हैं, इनमें 16 महिलाएं हैं। सबसे ज्यादा प्रत्याशी जयपुर और सबसे कम दौसा संसदीय क्षेत्र में हैं। दूसरे चरण में श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा व नागौर सीटों पर मतदान हुआ।
प्रदेश में 1550 संवेदनशील मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग के जरिए नजर रखी गई। दूसरे चरण की 12 लोकसभा सीटों के लिए कुल 134 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस से 12, बीजेपी से 11, बसपा से 10, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से 1 और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से 3 जबकि 29 अन्य दल और 68 निर्दलीय प्रत्याशी हैं।
प्रदेश में पहले चरण की 13 सीटों पर 29 अप्रैल को रिकॉर्ड 68.22 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। यह 1952 से लेकर अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा थी और 2014 के लोकसभा चुनाव से 3.95 प्रतिशत अधिक। पिछले लोकसभा चुनाव में इन 13 सीटों पर 64.27 फीसदी मतदान हुआ था।
इन सीटों पर नजर
बीकानेर: इस सीट पर दो मौसेरे भाई आमने-सामने हैं। भाजपा के प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम जहां पूर्व आइएएस हैं तो कांग्रेस के प्रत्याशी मदन गोपाल मेघवाल पूर्व आईपीएस हैं। अर्जुन राम 2009 और 2014 में लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। वहीं मदन गोपाल राजनीति में नए हैं। अर्जुन राम बीकानेर में पुराने भाजपाई देवी सिंह भाटी का विरोध झेल रहे हैं। बीकानेर से अर्जुन राम की उम्मीदवारी पर देवी सिंह ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था।
जयपुर ग्रामीण : केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जयपुर ग्रामीण से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। उनके सामने कांग्रेस ने विधायक व पूर्व ओलिंपियन कृष्णा पूनिया हैं। इस क्षेत्र में जाट समाज के चार लाख से अधिक वोट होने के कारण मुकाबला कड़ा है। राज्यवर्धन मोदी का चेहरा आगे करके ही वोट मांग रहे हैं और यहां के युवाओं में पीएम मोदी के प्रति आकर्षण के कारण राज्यवर्धन की स्थिति अच्छी है।
अलवर : यहां में कांग्रेस के भंवर जितेंद्र सिंह का मुकाबला भाजपा के बाबा बालकनाथ से है। बालकनाथ हरियाणा से हैं और कांग्रेस इसे मुद्दा बना रही है। नुक्कड़ सभाओं में कांग्रेस प्रत्याशी मतदाताओं से कहते है कि अलवर का अपमान मत होने देना। बाहरी को भगा देना। वहीं भाजपा प्रत्याशी कहते है कि हमें सुरक्षित अलवर चाहिए तो कांग्रेस को भगा देना। दोनों पार्टियों का गणित फिलहाल कांटे की टक्कर मान रहा है।
नागौर : भाजपा छोड़कर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी बनाने वाले हनुमान बेनीवाल का मुकाबला नागौर के ताकतवर मिर्धा परिवार की बेटी ज्योति मिर्धा से है। ज्योति मोदी लहर में यहां से चुनाव हार गईं थीं। इससे पहले वे यहां से सांसद चुनी गई थीं। भाजपा ने यहां बेनीवाल की पार्टी से गठबंधन किया है। बेनीवाल को भाजपा के साथ युवाओं का भी साथ मिल रहा है।
दौसा: यहां कांग्रेस और भाजपा ने महिला प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा की जसकौर मीणा के सामने कांग्रेस की सविता मीणा हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देने वाले गुर्जर कांग्रेस से नाराज हैं। माना जा रहा है कि उनके वोट भाजपा की झोली में आ सकते हैं।