राजस्थान: अल्बर्ट हॉल में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की आज होगी ताजपोशी

अशोक गहलोत तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। राज्य में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले वह चौथे नेता हैं। गहलोत से पहले भैरोसिंह शेखावत और हरिदेव जोशी ही तीन तीन बार मुख्यमंत्री बने। हालांकि मोहन लाल सुखाड़िया सबसे अधिक चार बार इस पद पर रहे है।
राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप कार्यभार संभालने जा रहे गहलोत 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बने। उनका कार्यकाल 2003 तक रहा। इसके बाद वह 2008 से 2013 तक दूसरी बार मुख्यमंत्री रहे।
गहलोत से पहले हरिदेव जोशी 1973 से 77, 1985 से 88 व 1989 से 90 तक मुख्यमंत्री रहे थे जबकि भैरोसिंह शेखावत 1977-80, 1990-92 व 1993-98 के कार्यकाल में तीन बार मुख्यमंत्री रहे।
हालांकि कांग्रेस नेता मोहन लाल सुखाड़िया सबसे अधिक चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वह 1954 से 57, 1957 से 62, 1962 से 67 और 1967 से 71 तक राज्य मुख्यमंत्री रहे।
गहलोत जोधपुर की सरदारपुरा सीट से लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं। इससे पहले वे जोधपुर सीट से लगातार पांच बार सांसद रहे और केंद्र मंत्री भी रह चुके हैं।
सचिन पायलट को डिप्टी सीएम का पद दिया जा रहा है। कांग्रेस में तीन दिन की लंबी माथापच्ची के बाद आखिरकार हाईकमान ने गहलोत को सीएम और पायलट को डिप्टी सीएम बनाए जाने के फैसले का ऐलान किया गया।
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री आज शपथ लेने जा रहे हैं। अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री होंगे जबकि कमलनाथ मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का जिम्मा संभालेंगे तो भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होंगे। राजस्थान में बतौर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को जिम्मेदारी दी गई है।
शपथ का समय
तीन राज्यों में हो रहे शपथ समारोह का समय कुछ इस तरह तैयार किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा नेता इस समारोह का हिस्सा बन सकें। तीन राज्यों में शपथ समारोह की शुरुआत राजस्थान से होगी। यहां पर सुबह करीब 10 बजे शपथ ग्रहण होगा। जबकि इसके ठीक बाद दोपहर करीब 1 बजे मध्य प्रदेश कमलनाथ पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। इन दोनों राज्यों के बाद छत्तीसगढ़ में शाम करीब 4 बजे शपथ ग्रहण होगा।
कांग्रेस के इस जश्न के मौके को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी किसी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहते। यही वजह है कि वे तीनों राज्यों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे। यही नहीं इस दौरान वे विपक्षी एकता विरोधियों को सामने प्रस्तुत करने की भी पूरी कोशिश करेंगे।