पुलवामा आतंकी हमला: सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद, जैश ने ली जिम्मेदारी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोरा के पास गोरीपोरा में हुए हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए। लगभग दो दर्जन जवान जख्मी हैं। इनमें से कई की हालत गंभीर है।
हमले को पाकिस्तान से संचालित जैश ए मुहम्मद के आत्मघाती दस्ते अफजल गुरु स्क्वाड के स्थानीय आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास ने अंजाम दिया। उसने 320 किलो विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो को सीआरपीएफ के काफिले में शामिल जवानों से भरी एक बस को टक्कर मारकर उड़ा दिया। काफिले में शामिल तीन अन्य वाहनों को भी भारी क्षति पहुंची है।
घायल जवानों को उपचार के लिए बादामी बाग सैन्य छावनी स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में दाखिल कराया गया है। आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकियों का निशाना बना वाहन सीआरपीएफ के काफिले का हिस्सा था। सुबह जम्मू से चले इस काफिले में 60 वाहन थे, जिनमें 2547 जवान थे।
दोपहर करीब सवा तीन बजे जैसे ही काफिला जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर गोरीपोरा (अवंतीपोरा) के पास पहुंचा। तभी अचानक एक कार तेजी से काफिले में घुसी और आत्मघाती कार चालक ने सीआरपीएफ की 54वीं वाहिनी की बस को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही धमाका हो गया। इससे बस के परखच्चे उड़ गए।
धमाका इतना भयावह था कि कई मील दूर तक आवाज सुनी गई। पल भर में हाईवे पर करीब 100 मीटर के दायरे में क्षत-विक्षत शव व शरीर के अंगों के टुकड़े पड़े हुए थे। धमाका होते ही काफिले में शामिल अन्य वाहन तुरंत रुक गए। जवानों ने पोजीशन ले ली। तभी वहां पहले से बैठे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने तुरंत जवाबी फायर किया। इस पर आतंकी मौके से भाग निकले।
दो दिनों से मौसम साफ होने के कारण एक साथ इतनी संख्या में जवानों को श्रीनगर रवाना किया गया था। आतंकी हमले का निशाना बनी बस सीआरपीएफ की 54वीं वाहिनी की है। अधिकारियों ने बताया कि 12 जवान मौके पर ही शहीद हो गए थे, जबकि चार अन्य ने अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में दम तोड़ा। 11 अन्य जवानों की अस्पताल में शहादत पाई।
विस्फोट की सूचना मिलते ही राज्य पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के आलाधिकारी भी अपने दल बल समेत मौके पर पहुंच गए। गौरतलब है कि 18 सितंबर, 2016 में उड़ी में सैन्य के मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले में 18 जवान शहीद व 30 घायल हो गए थे।
पुलवामा के गुंडीपोरा का रहने वाला था आदिल, 10 माह पहले बना था आतंकी बीते एक दशक के दौरान कश्मीर में अब तक के सबसे बड़े आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाला आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद उर्फ कमांडो उर्फ वकास दक्षिण कश्मीर के गुंडीबाग, काकपोरा, पुलवामा का रहने वाला था। वह बीते साल अप्रैल माह के दौरान ही आतंकी संगठन में सक्रिय हुआ था। 21 वर्षीय आदिल 10वीं पास था और सुरक्षाबलों ने उसे सी-श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध कर रखा था। उसके ऊपर तीन लाख का इनाम था।
आतंकियों ने विस्फोटकों से लदी एक कार में को हाईवे पर सीआरपीएफ की बस से टक्कर मारी। इसके बाद कार में हुए भयावह धमाके से बस व उसके पीछे आ रहे एक वाहन के परखच्चे उड़ गए। इस आतंकी हमले से पहले जैश ने आदिल का एक वीडियो जारी कर दिया था। इसमें वह कार चलाकर जाते हुए गजवा-उल-हिंद का समर्थन करते देखा गया। इसके बावजूद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क क्यों नहीं हुईं?
सीआरपीएफ वाहन को कार बम से उड़ाने वाला आतंकी आदिल अहमद कश्मीर में अल-कायदा का पर्याय बने जाकिर मूसा से बहुत प्रभावित था। बताया जाता है कि आतंकी संगठन में पूरी तरह सक्रिय होने के कुछ समय बाद तक वह जाकिर मूसा के साथ ही रहा था। लेकिन बाद में वह जैश-ए-मोहम्मद में चला गया था। आत्मघाती हमले को अंजाम देने से पहले रिकार्ड किया गया उसका करीब सवा दस मिनट का एक वीडियो भी जारी हुआ है। इसमें वह गजवा उल हिंद का समर्थन कर रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में हमले को कायरतापूर्ण हमला करार दिया। उन्होंने ने ट्वीट कर शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना दी और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर आतंकी हमले की निंदा की है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने हमले की निंदा कर पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की हैं। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि आतंक के लिए जिम्मेदार लोग जम्मू-कश्मीर में अपनी मौजूदगी दिखाना चाहते हैं और वे हताश हैं वे सिर्फ अपनी मौजूदगी साबित करना चाहते हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी आतंकी हमले की निंदा की है।