राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में लागू किया आपातकाल, दीवार बनाने के लिए उठाया ये कदम
नई दिल्ली। मैक्सिको से लगने वाली सीमा पर ड्रग्स व अवैध आव्रजन की समस्या को रोकने के लिए दीवार बनाने की मांग कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इसके लिए राष्ट्रीय आपातकाल (नेशनल इमरजेंसी) लगाने की घोषणा कर दी।
कांग्रेस ने प्रस्तावित दीवार निर्माण के लिए ट्रंप की तरफ से मांगे जा रहे फंड के मुकाबले बेहद कम धनराशि की मंजूरी दी थी। ट्रंप के सहयोगियों के मुताबिक, राष्ट्रपति ने शुक्रवार को कहा, दीवार निर्माण के लिए फेडरल मिलिट्री कंस्ट्रक्शन और ड्रग निरोधी कार्यों के खाते से अरबों डॉलर लेने के लिए वह कार्यकारी अधिकारों का उपयोग करेंगे।
देश के ऊपर आक्रमण जैसा बताने वाले ट्रंप ने रोज गार्डन में मौजूदगी के दौरान आपातकाल की घोषणा की। हालांकि उनके इस कदम को उठाने की संभावना बृहस्पतिवार को ही बन गई थी, जब सांसदों ने 5 सप्ताह लंबे सरकारी शटडाउन को दोहराने से बचने के लिए मतदान किया था।
इस मतदान में संसद ने ट्रंप की तरफ से मांगी जा रही रकम का तकरीबन चौथाई हिस्सा ही दिए जाने की मंजूरी दी थी। उसी समय ट्रंप ने दीवार निर्माण के लिए संसद की तरफ से मंजूर रकम समेत कुल 8 अरब डॉलर खर्च करने की घोषणा की थी।
रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति ट्रंप का दीवार निर्माण का प्रयास पहले ही कैपिटल हिल (संसद भवन) में आलोचना के दायरे में है। अब उनके आपातकाल लगाने को विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी ने अमेरिकी संविधान का उल्लंघन बताते हुए इसे अदालत में चुनौती देने की बात कही है।
न्यूयॉर्क स्टेट के अटॉर्नी जनरल एल. जेम्स ने भी आपातकाल के निर्णय को कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की है। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स (लोकसभा) की डेमोक्रेट स्पीकर नैंसी पालोसी और सीनेट (अमेरिकी राज्य सभा) में शीर्ष अल्पसंख्यक नेता चक शूमर ने संयुक्त बयान में ट्रंप के इस कदम को एक ऐसे संकट पर की गई गैरकानूनी घोषणा बताया, जो मौजूद ही नहीं है।
भले ही ट्रंप के निर्णय को कानूनी चुनौती देने की बात कही जा रही हो, लेकिन अमेरिकी कानून विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में राष्ट्रपति की स्थिति मजबूत है। विशेषज्ञों के मुताबिक, राष्ट्रीय आपातकाल कानून-1976 में राष्ट्रपति को आपातकाल घोषित करने के लिए व्यापक अधिकार दिए गए हैं।