दृष्टिबाधित बच्चों को प्रांजल बनाने में जुटी- प्रेरणा कुमारी

डेस्क। जहां देश में इन दिनों चर्चा है।देश की पहली दृष्टिबाधित आईएएस अफसर प्रांजल पाटील जो कि महाराष्ट्र की रहने वाली है।जब प्रांजल छठी क्लास में पढ़ती थी। एक सहपाठी ने आंख में पेन दे मारा था। जिस कारण प्रांजल की आंखों की रोशनी चली गई थी। लेकिन प्रांजल ने हार नहीं मानी और 2016 के यूपीएससी के नतीजों में अपना स्थान सुनिश्चित कर लिया।
हालांकि प्रांजल का सफर इतना आसान नहीं रहा है। प्रांजल को सामाजिक, आर्थिक और कानूनी तौर पर बहुत संघर्ष करना पड़ा है। देश में न जाने ऐसे कितने बच्चे है।जो देख नहीं पाते है। कुछ लोग जो जन्म से ही और कुछ किसी दुर्घटना के कारण देख नही पाते है।
लेकिन ऐसे हुनरमंद बच्चों की बारे में पहल करने वाले लोगों की भी कोई कमी नहीं है।इसी कड़ी में हम आपको एक ऐसी शख्सियत से मिलाने जा रहे है। जो अपनी समाज सेवा के जरिए दृष्टिबाधित बच्चों के लिए त्याग, समर्पण, प्यार,हौसले कि एक मिशाल है। उस शख्सियत का नाम है,प्रेरणा कुमारी उन्हें हाल ही में दृष्टि बाधित बच्चों के लिए काम करने के लिए पुरस्कृत किया गया है।
प्रगतिशील नेत्रहीन महासंघ ने प्रेरणा कुमारी को पुरस्कृत करते हुए कहा….
” प्रगतिशील नेत्रहीन महासंघ का मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन लोगों के सामाजिक और कानूनी अधिकारों की लड़ाई करना है। ऐसे में हम प्रेरणा कुमारी के प्रयासों की सराहना करते हैं। जो इसी उद्देश्य के तहत सुप्रीम कोर्ट के वकील व सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रही है।
जो कानूनी, सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में अपनी गतिविधियों के माध्यम से सेवाएं दे रहीं हैं। प्रेरणा कुमारी सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं, वुमन्स एडवोकेट एसोसिएशन की महासचिव, सर्वोच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन के पूर्व ट्रेजरार, हरियाणा उच्च न्यायालय की सहायक महाधिवक्ता, बीजेपी के पूर्वांचल मोर्चा की प्रवक्ता, राष्ट्रीय सेविका समिति की सेविका, व बीजेपी की सुप्रीम कोर्ट की लीगल यूनिट की सचिव के रूप में काम कर रही है।
प्रेरणा कुमारी ने ऑर्गनाइजर में अनेक लेख लिखे हैं। ये महिला सशक्तिकरण, कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोगों व नेत्रहीन लोगों के लिए काम कर रही है। आपको भविष्य की अनेक शुभकामनाएं तथा हमे विश्वास है कि आप हमारे साथ जुड़कर काम करती रहेंगी।
” आपने जो सम्मान दिया उसे शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। हालांकि मैं बोलने पर कम और काम करने पर ज्यादा विश्वास करती हूं।आपकी हर समस्या के समाधान के लिए मैं आपके साथ खड़ी हूं। बहरहाल प्रेरणा कुमारी कि यह पहल ऐसे बच्चों को उनके सपने पुरे करने के अवसर देगी।वही देश को प्रांजल जैसी जुनूनी बेटियां मिलेगी।