भारत में चलता था ढाई रुपये का नोट, आज की कीमत 7 लाख
नई दिल्ली। भारत में कभी ढाई रुपये का नोट भी चलता था। इसे जानने वाले लोग शायद ही बचे हों। आज इसकी कीमत सात लाख रुपये है। यह नोट आज से सौ साल पहले 22 जनवरी 1918 को जारी हुआ था।
यानी इसके चलन की शताब्दी पूरी होने वाली है। एक जनवरी 1926 को इस नोट का चलन बंद कर दिया गया।ढाई रुपये का नोट आठ साल ही चला। इसे काफी दुर्लभ माना जाता है। इसलिए इसकी कीमत भी सर्वाधिक है। वर्तमान में इसकी कीमत सात लाख रुपये के करीब है। जबकि उस समय यह एक डॉलर के बराबर था।
इस नोट को ब्रिटेन में प्रिंट किया गया था। हैंडमेड पेपर पर यह प्रिंट है। नोट पर जार्ज वी का चिन्ह भी होता था। इसमें उनकी अष्टकोणीय तस्वीर होती थी। नोट पर ब्रिटेन के तत्कालीन वित्त सचिव के दस्तखत हैं। सबसे ऊपर डिजाइन में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया लिखा है। फिर नंबर।
इसलिए यह नोट वहां भी प्रचलित था। ये सात सर्किल थे- ए-कानुपर। बी-बांबे, सी-कलकत्ता। के-कराची, एल-लाहौर, एम-मद्रास। आर-रंगून। तब कानपुर की स्पेलिंग केएएनपीयूआर नहीं होती थी। उस समय लिखा जाता था-सीएडब्ल्यूएनपीओआरई। यह नोट ब्रिटेन के तत्कालीन वित्त सचिव एमएमएस गब्बी के हस्ताक्षर से जारी हुए थे।
नोट की दूसरी तरफ एक ओर ब्रिटेन का ताज और दूसरी ओर गोल घेरे में अंग्रेजी में दो बाई आठ लिखा है। बीच में आठ भाषाओं में ढाई रुपये। इन आठ भाषाओं में उर्दू, बांग्ला सहित गुजराती, ओडिया और दक्षिण की भाषाएं तो हैं लेकिन हिंदी नहीं है। झारखंड में यह नोट पूर्व राज्यसभा सदस्य अजय मारू के पास है। वे बताते हैं कि यह नोट उनके दादा ने दिया था। इसे उन्होंने संभालकर रखा।
बाद में इसकी कीमत समझ में आई तो नोट संकलन का चस्का भी लग गया। इसके बाद अजय मारू देश-दुनिया के पुराने नोट एकत्रित करने लगे। उनके अनुसार वे जिन-जिन देशों में जाते हैं, वहां की करेंसी जरूर ले आते हैं। उनके पास करीब 25 देशों की करेंसी है। इनमें कुछ बहुत दुर्लभ हैं। स्टार मार्का नोट भी उनके पास है।