2023-03-29

यहां कबूतरों का अपहरण कर वसूलते हैं फिरौती, 65 लाख रुपये है इनकी कीमत

नई दिल्ली। आपने मुर्गों की लड़ाई और बाज की रेस समेत पशु-पक्षियों की ऐसी कई अनोखी प्रतियोगिताओं के बारे में बहुत सी कहानियां सुनी या देखी होंगी, लेकिन इराक में इन दिनों कबूतरों की रेस का क्रेज सिर चढ़ कर बोल रहा है। यहां लोग कबूतरों की रेस पर हजारों-लाखों डॉलर का दांव लगाते हैं। ये इराक में आयोजित होने वाली कबूतरों की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित रेस है। इसके साथ यहां कबूतरों का अपहरण कर फिरौती मांगने के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

कबूतरों की ये रेस बगदाद से लगभग 100 मील दक्षिण में एक खुले मैदान में आयोजित की जाती है। रेस में भाग लेने के लिए यहां तकरीबन एक दर्जन ट्रक में भर कर कबूतर लाए जाते हैं। सूरज की पहली किरण के साथ रेस शुरू होती है। इस रेस में करीब 14000 कबूतर हिस्सा लेते हैं और जब वह रेस जीतने के लिए बगदाद की तरफ उड़ान भरते हैं तो उनके 28000 पंखों से आसपास हवा का एक तेज झोंका सा बन जाता है।

रेस में शामिल होने वाले ये कबूतर 600 मील तक का सफर तय कर सकते हैं। यूरोपीय प्रजाति के इन कबूतरों की अधिकतम रफ्तार 90 मील प्रति घंटे तक हो सकती है। रेस के लिए इन कबूतरों की मांग यहां काफी ज्यादा होती है। रेस जीतने वाले कबूतरों की कीमत तकरीबन 4000 डॉलर (2,82,296 रुपये) तक होती है। कुछ समय पहले बसरा में रेस जीतने वाला एक कबूतर 93000 डॉलर (65,63,568 रुपये) की कीमत पर बिका था, जो अब तक की सबसे ज्यादा कीमत है।

कबूतर रेसिंग का ये खेल संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप से शुरू हुआ था, लेकिन वहां पर अब इस तरह की प्रतियोगिताएं लगभग समाप्ति की कगार पर हैं। कबूतरों की शौकिया रेस कराने वालों में डॉक्टर, शित्राविद, सेना के उच्च अधिकारी, पुलिस अधिकारी, खुफिया विभाग के अधिकारी और इंजीनियर जैसे पेशेवर लोग भी शामिल होते हैं। इसी से इसकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

कबूतर रेसिंग में सभी पक्षियों को एक साथ उड़ाया जाता है। ये सभी कबूतर उड़कर अपने घर पहुंचते हैं। इनके पैरों में दिनार (स्थानीय मुद्रा के नोट) का आधा हिस्सा बंधा होता है। दिनार का आधा हिस्सा प्रतियोगिता के जजों के पास होता है, ताकि दोनों में नोट का नंबर एक हो और उनका मिलान किया जा सके।

इराक में जैसे-जैसे कबूतरों की रेस प्रसिद्ध हो रही है, वैसे ही इन्हें लेकर हैरान करने वाले अपराधों की भी शुरूआत हो चुकी है। इससे किडनैपर कबूतर का अपहरण करने के बाद आसानी से उनसे संपर्क कर फिरौती मांग पाते हैं। फिरौती मिलने के बाद वह कबूतर को सुरक्षित छोड़ देते हैं। इनसे वही कबूतर बच पाते हैं जो काफी ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए इन इलाकों को पार कर जाते हैं।

विजेता कबूतरों की मांग
वेल्डिंग की दुकान चलाने वाले 46 वर्षीय खादिम हामिद ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया से बातचीत में बताया कि उनके कबूतरों ने कई प्रतियोगिताएं जीती हैं और उनका घर ट्रॉफियों से भरा हुआ है। वर्तमान में उनके पास 50 रेसिंग कबूतर हैं। हालांकि इनमें से कोई भी शीर्ष 10 रेसर में शामिल नहीं रहा है। इन ताजा नतीजों से वह खासे परेशान हैं।

रेस जीतने वाले कबूतर को 100 या 200 डॉलर (करीब 7000 से 15000 रुपये) की ईनामी राशि प्राप्त होती है, जो कि उसकी देखरेख या उसे विजेता बनाने पर किए गए खर्चों के मुकाबले काफी कम होती है। हालांकि ईनामी राशि असली फायदा नहीं होती है। असली मुनाफा विजेता कबूतरों को ब्रीडिंग के लिए ऊंची कीमत पर बेचकर कमाया जाता है।

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