विपक्ष की महारैली में फारूख अब्दुल्ला बोले- देश सबसे बुरे दौर से गुजर रहा

नई दिल्ली। आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ‘विपक्षी एकजुटता रैली’ है। ममता बनर्जी की महारैली में आज न सिर्फ विपक्षी एकता की झलक दिखेगी, बल्कि केंद्र की मोदी सरकार को एक संदेश देने की भी कोशिश होगी।
इस रैली में विपक्षी दलों से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, डीएमके चीफ एमके स्टालिन, पूर्व भाजपा नेता अरुण शौरी, शरद यादव, अरविंद केजरीवाल के अलावा भी कई नेता शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुद इस रैली में शामिल नहीं हो रहे।
उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे तथा अभिषेक मनु सिंघवी को कोलकाता भेजने का फैसला लिया है। इस रैली में केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार को हराने के बारे में महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है।
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग ने कहा कि पिछले चार वर्षों में भारतीय लोकतंत्र के लिए कई बार परीक्षा की घड़ी आई है। देश को लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है। मैं ममता दीदी को इस आयोजन के लिए धन्यवाद करना चाहता हूं। मैं यहां पर ममता दीदी के हाथों को मजबूत करने आया हूं।
विपक्षी गठबंधन रैली में यशवंत सिन्हा ने कहा, वे कहते हैं कि हम पीएम मोदी को हटाने के लिए एकसाथ आए हं। मगर मैं यहां बता दूं कि हम पीएम मोदी को हटाने के लिए नहीं हैं। यह प्रश्न एक व्यक्ति का नहीं है। यह एक सोच और विचारधारा का प्रश्न है। हम एक सोच और उस विचारधारा के विरोध में यहां एकट्ठा हुए हैं।
रैली में जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि देश इस समय बुरे दौर से गुजर रहा है। मजदूरों और दलितों का शोषण हो रहा है। इस सरकार के शासन में संविधान को खत्म करने की कोशिश हो रही है। देश को बचाने के लिए विपक्ष एकजुट हुआ है। विपक्ष का एकजुट होना एक बहुत बड़ा संदेश है।
विपक्ष की एकजुटता रैली में हार्दिक पटेल ने कहा- देश को बचाने के लिए आज यहां पर विपक्ष एकजुट हुआ है। जैसे सुभाष बाबू देश के लिए गोरों से लड़े थे वैसे ही हमें इन चोरों से मिलकर लड़ना होगा। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यह जनसैलाब एक ऐसी क्रांति लेकर आएगा जिसकी कल्पना नहीं की गई होगी।
इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम सही वक्त आने पर प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर फैसला कर लेंगे। इसके अलावा जो दल आज रैली में शामिल नहीं हो रहे, वे भी इस मुहिम में हमारे साथ हैं। इस समय देश सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है।
कोलकाता में ममता बनर्जी की विपक्षी एकजुटता रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहुंच गए हैं। ममता बनर्जी उनसे पहले ही पहुंच चुकी थीं। इस रैली में विशाल जन समूह दिखाई दिया।