तालिबान के साथ लड़ाई में भारत को भी शामिल करना चाहते डोनाल्ड ट्रंप
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए चल रही प्रक्रिया में भारत की भूमिका पर असंतोष जाहिर किया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने नए साल में अपनी पहली कैबिनेट बैठक में अफगानिस्तान में पुस्तकालय के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया और एक तरह से उनका मजाक भी उड़ाया।
डोनाल्ड ट्रंप ने कैबिनेट की बैठक के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘अफगानिस्तान में रूस तालिबान के साथ लड़ाई के लिए क्यों नहीं है? वहां भारत क्यों नहीं है? पाकिस्तान वहां क्यों नहीं है? हम (अमेरिका) वहां क्यों है? हम 6000 मील दूर हैं, लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि अफगानिस्तान युद्ध के कारण अमेरिका को अरबों डॉलर का नुकसान होता है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने मित्रवत संबंधों का जिक्र किया, लेकिन अफगानिस्तान में पुस्तकालय के लिए फंड देने की आलोचना की।
ट्रंप ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वह चाहते हैं कि अफगानिस्तान में भारत भी शामिल हो। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत, अफगानिस्तान में सुरक्षा संबंधी भूमिका निभाने वाला है। इस पर ट्रंप ने कहा, ‘‘हम कुछ ऐसा करेंगे, जो सही हो. हम तालिबान से बात कर रहे हैं। हम अलग-अलग लोगों से बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, भारत वहां है, रूस वहां है, रूस सोवियत संघ हुआ करता था, लेकिन अफगानिस्तान ने उसे रूस बनाया, क्योंकि वे अफगानिस्तान में लड़ते हुए दिवालिया हो गए। इसलिए आप अन्य देशों की ओर देखते हैं। पाकिस्तान वहां है उन्हें लड़ना चाहिए। रूस को वहां लड़ना चाहिए।