पटौदी में अपनों में ही उलझी भाजपा

चुनाव डेस्क। राजनीति में कैरियर बनाने वाले लोग अपने जीवन में ताउम्र एक अदना से टिकट पाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं।कई बार तो ऐसे मामले भी सामने आते हैं। जब कई प्रत्याशी अपनी जमीन बेचकर और कर्जा लेकर चुनाव में उतरते हैं।
वही दूसरी और कोई व्यक्ति विधायक हो और विधायक रहते उसका टिकट कट जाए तो उसके लिए इससे ज्यादा बुरी बात कोई और नहीं हो सकती हैं। लिहाजा हम बात कर रहे हैं। पटौदी से भाजपा की मौजूदा विधायक विमला चौधरी की जिनका टिकट इस बार पार्टी ने काट दिया है।
वही पार्टी सूत्रों की माने तो पार्टी द्वारा करवाऐ गए सर्वे में स्थानीय जनता में विधायक के प्रति खासा रोष था। इस बात को भापकर पार्टी ने अंदाजा लगा लिया था। विमला चौधरी को फिर से टिकट देना खतरे से खाली नहीं और ऐसे में नए प्रत्याशी मैदान में उतारना ज्यादा ठीक रहेगा।
पार्टी ने संगठन के स्तर पर तो स्थिति संभाल ली लेकिन अब विमला चौधरी का गुट भाजपा के प्रत्याशी के लिए मुसीबत का कारण बन गया है। सूत्रों के हवाले से माने तो कांग्रेस भाजपा के बीच मुकाबला कम और भाजपा भाजपा के बीच ज्यादा लग रहा है।