प्रियंका से मिलीं अनुप्रिया पटेल, कहा- बीजेपी से बातचीत बंद
लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को उसके सहयोगी दल आंख दिखाने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर तो लंबे समय से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखे हैं, लेकिन मोदी सरकार में मंत्री और अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल का रुख भी अब बदलने लगा है।
कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भेंट करने के बाद अनुप्रिया पटेल ने अब भाजपा को अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे बात करने का समय अब समाप्त हो गया है। अब तो अपना दल कोई भी फैसला लेने को स्वतंत्र है। इनके तेवर से लग रहा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर से भाजपा को बड़ा झटका लगने वाला है। अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल ने बीजेपी को जो अल्टीमेटम दिया था, उसकी मियाद खत्म हो चुकी है।
अपना दल की संरक्षक अनुप्रिया पटेल और अध्यक्ष आशीष पटेल ने कल कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ लंबी बैठक की है। प्रियंका के आवास पर हुई बैठक में दोनों नेताओं ने कांग्रेस से गठबंधन की संभावनाओं पर व्यापक विचार विमर्श किया है।
अनुप्रिया-आशीष की प्रियंका के साथ हुई करीब तीन घंटे की मैराथन बैठक में उत्तर प्रदेश में गठबंधन की सभी संभावनाओं पर विचार किया गया। अंतिम निर्णय के लिए दोनों नेताओं ने कांग्रेस से एक हफ्ते का समय मांगा है।
इससे पहले अपना दल से सपा-बसपा की ओर से भी संपर्क साधा गया था। तब अपना दल की ओर से इन्हें कोई सकारात्मक संदेश नहीं दिया गया था। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक अगर गठबंधन हुआ तो पार्टी की अगुवाई में बनने वाले गठबंधन को अनुप्रिया के रूप में ओबीसी वर्ग का एक बड़ा चेहरा मिल जाएगा। कांग्रेस ने ऐसे बड़े ओबीसी चेहरे का अभाव है। जबकि अपना दल का एक बड़ा धड़ा लंबी राजनीति केलिए कांग्रेस का हाथ थामने का पक्षधर है।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यूपी की सियासत अभी पूरे देश में केंद्र में है। यहां पर भले ही भाजपा 74 सीट जीतने का दावा कर रही हों, मगर यूपी में उनके सहयोगियों का मिजाज उनके इस दावे पर पानी फेर सकता है। यहां भाजपा को बड़ा झटका लगने वाला है।
अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल ने भाजपा को जो अल्टीमेटम दिया था, उसकी मियाद खत्म हो चुकी है। अब अपना दल ने साफ कहा है कि वह अब अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। अपना दल भी राजनीतिक नफा-नुकसान को भांपने में जुट गई है और अब वह भाजपा के साथ रहेगी या नहीं, इसका फैसला पार्टी की बैठक में जल्द ही करेगी।