एडीआर की रिपोर्ट: 10 गुना बढ़ी राहुल-सोनिया, मुलायम की संपत्ति, राजनीति में भी धनबल और बाहुबल का जोर…
नई दिल्ली। राजनीति में धनबल और बाहुबल का जोर सालों से जारी है। बीते एक दशक में राजनेताओं की संपत्ति भी करीब 10 गुणा बढ़ चुकी है। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले एडीआर की रिपोर्ट में ये बातें सामने आई है। उत्तर प्रदेश में साल 2004 से 2017 के बीच हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों के नतीजों का विश्लेषण करने के बाद एडीआर ने यह रिपोर्ट दी है।
असोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश की राजनीति में धनबल और बाहुबल का जोर है। साल 2004 से 2017 के बीच संसद और विधानसभा पहुंचने वाले 38 फीसदी माननीयों की पृष्ठभूमि आपराधिक रही है। इसमें 23 फीसदी सांसद-विधायकों पर हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा और रेप जैसे गंभीर अपराधों के मुकदमे हैं। इस दौरान कई बार चुने गए सांसदों और विधायकों की संपत्ति में भी अप्रत्याशित इजाफा हुआ है।
2004 से अब तक 235 सांसदों का शपथपत्र देखा गया तो सांसदों की औसत संपत्ति 6.08 करोड़ रुपये है। पिछले तीन चुनावों में लगातार जीतने वाले पांच सांसदों की संपत्ति अप्रत्याशित दर से बढ़ी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की संपत्ति 2004 के 55.38 लाख से करीब 16 गुना बढ़कर 2014 में 9.40 करोड़ रुपये से अधिक हो गई।
सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की संपत्ति 13 गुना बढ़ी है, जबकि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की संपत्ति में लगभग 10 गुना का इजाफा हुआ है। भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की संपत्ति भी पांच गुना बढ़ी है।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार समाजवादी पार्टी के 42 फीसदी, भाजपा के 37 फीसदी, कांग्रेस के 35 फीसदी, बसपा के 34 फीसदी और राष्ट्रीय लोक दल के 21 फीसदी प्रतिनिधियों ने अपने ऊपर आपराधिक मुकदमे घोषित किए हैं। विधानसभावार देखा जाए तो 2012 में सर्वाधिक 45 फीसदी दागी चुनकर आए थे जबकि 2007 और 2012 में यह आंकड़ा 35 फीसदी रहा।