किडनी कांड में व्हाट्सएप से चौंकाने वाला खुलासा, मानव अंगों का बड़ा बाजार…
नई दिल्ली। किडनी कांड में पुलिस को आरोपियों के मोबाइल से कई पुख्ता जानकारियां हाथ लगी हैं। व्हाट्सएप चैट रिकॉर्ड की जांच में खुलासा हुआ है कि मानव अंगों की सौदेबाजी श्रीलंका और तुर्की के अलावा नेपाल में भी बड़े पैमाने पर चल रही थी।
नेपाल के दर्जनों लोग गिरोह के संपर्क में थे। वहां से खासकर डोनर लाए जाते थे।
दरअसल, भारत से नेपाल आनेजाने के लिए न पासपोर्ट की जरूरत है और न ही वीजा की। जांच अधिकारियों की मानें तो किडनी रैकेट से जुड़े सदस्यों ने इसका फायदा उठाया और नेपाल तक अपना जाल फैलाया।
दिल्ली निवासी डॉ. केतन कौशिक किडनी डोनर की काउंसलिंग करता था। साथ ही विदेश के अस्पतालों में साठगांठ कर किडनी व लिवर की खरीद-फरोख्त करता था। पुलिस के मुताबिक आरोपी टी राजकुमार ने डॉ. केतन की मदद से पूरा कारोबार खड़ा किया है। यही वजह है कि पुलिस के लिए डॉ. केतन तक पहुंचना बेहद जरूरी हो गया है।
पकड़े गए सभी आरोपियों के मोबाइल, व्हाट्सएप चैट, फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया एकाउंट एसआईटी खंगाल रही है। खुलासे के बाद पुलिस ने फोर्टिस और पुष्पावती सिंघानिया रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीएसआरआई) से संबंधित कुछ मोबाइल नंबर भी निकाले हैं। पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम इनकी पड़ताल कर रही है। आशंका है कि इसमें अस्पताल के कुछ डॉक्टरों और कर्मचारियों के नंबर हो सकते हैं। इसी आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
पुलिस की टीम को जांच के लिए दिल्ली जाना था। वहां पर पीएसआईआर और फोर्टिस अस्पताल के कोऑर्डिनेटर समेत अन्य अधिकारियों से पूछताछ करनी थी। एसएसपी ने सोमवार को कहा था कि एक टीम दिल्ली रवाना हो चुकी है। हकीकत तो यह है कि अभी तक टीम दिल्ली गई ही नहीं है।
वर्जन
श्रीलंका और तुर्की के बाद नेपाल का भी नाम सामने आया है। आशंका है कि वहां पर भी गिरोह के सदस्य सक्रिय हैं, जो डोनर को कम पैसे पर तय कर दिल्ली लाकर किडनी निकलवाते थे। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।