वीरेंद्र सहवाग के जीवन से जुड़ी बातें और क्रिकेट का मैदान…
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाडी वीरेंद्र सहवाग एक महान क्रिकेट के रूप में जाने जाते है क्रिकेट के मैदान में उनकी विस्फोटक और आक्रामक बल्लेबाजी से बड़े-बड़े गेंदबाजों के पसीने छुडा देते है गेंदबाज अपनी गेंद कौन सी जगह फेंके उस के लिए मजबूर कर देते है।
वीरेंद्र सहवाग को इंडिया टीम का विस्फोटक बल्लेबाज कहा जाता है और उन्हें लोग प्यार से वीरू और नजफगढ़ का नवाब और मुल्तान का सुल्तान भी कहा जाता हैं वीरेंद्र सहवाग मैदान में विस्फोटक ताबड़तोड़ पारी खेलते थे जब चारों तरफ से वीरु और सहवाग के नाम से स्टेडियम जूम उटता था।
उन्होंने भारतीय टीम की तरफ से पहला एकदिवसीय मैच 1999 खेला था और पहला टेस्ट मैच 2001 में खेला था उन्हें क्रिकेट के मैदान से कई खिताब भी मिले हैं सहवाग का जन्म एक जाट परिवार में हुआ था।
सहवाग क्रिकेट के मैदान में क्रिकेट मन से खेलता था।
उन्हें क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद लोग उनकी बल्लेबाजी और उनकी महानता के रूप में आज भी याद करते है वीरेंद्र सहवाग क्रिकेट के मैदान में विस्फोटक ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए गेंद को चारों तरफ भेजते थे उन्हें क्रिकेट के मैदान से कई खिताब भी मिले हैं विरोधी पार्टियों पर उनके नाम से ही माथे पर पसीने आने लग जाते थे।
जब वीरू क्रीज पर मौजूद रहते थे वीरू बेखौफ होकर मस्त होकर आक्रामक रूप से तेज पारी की शुरुआत करते थे और गेंदबाजों की गेंदे पेवेलियन से बाहर करते थे उन्हें सचिन तेंदुलकर का रूप भी कहा जाता है वीरू की आक्रामक बल्लेबाजी से लोग उन्हें बहुत याद करते हैं उन्होंने आईपीएल मैचों में भी अच्छा नाम कमाया था और टी-20 मैचों में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था 2011 के वर्ल्ड कप में उन्होंने भारतीय टीम के लिए अहम भूमिका निभाई थी।
वीरू ने क्रिकेट के मैदान में आक्रामक पारी खेल खेलते हुए 1 बार दोहरा शतक और 3 तिहरे शतक उनके नाम है वीरेंद्र सहवाग सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की जोड़ी बहुत अच्छी जोड़ी मानी गई है क्रिकेट के इतिहास में यह तीनों बहुत अच्छे दोस्त माने जाते हैं।