भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी देश के लिए एक प्रेरणा थे, और उनकी राजनीति…

अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजीनीति के बहुत ही प्रतिभावान व्यक्ति थे एक राजनितिक होने के साथ एक कवि, संघ प्रचारक भी थे। वाजपेयी पहली बार 1996 में मात्र 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने फिर दूसरी बार मात्र 1 साल के लिए और तीसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ 1998 से 2004 तक प्रधानमंत्री रहे। अटल बिहारी वाजपेयी 10 बार लोकसभा सांसद बने वाजपेयी को कविताएं लिखने का भी बहुत शौक था।
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी आखिरी बार सबके सामने 2015 में आए थे। उन्हें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2015 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया था। तस्वीर में अटल बिहारी वाजपेयी सफेद कुर्ता पजामा में थे। इस तस्वीर में अटल जी कुर्सी पर बैठे हैं और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी उन्हें भारत रत्न से सम्मानित कर रहे हैं। इस तस्वीर में उन्होंने चश्मा भी लगाया हुआ था।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिसंबर 1925 को हुआ था वाजपेयी की प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में हुई थी उन्होंने कई पत्र पत्रिकाओं का संपादन भी किया और चार दशकों से भारत की राजनीति में सदस्य रहे। स्वास्थ्य चिंताओं के कारण वाजपेयी 2009 में राजनीति से सेवानिवृत्त हो गए थे उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लिया था।
2009 में स्ट्रोक आने की वजह से वाजपेयी के ब्रैन ने काम करना बंद कर दिया था। उन्हें डायबिटीज भी थी और स्ट्रोक के बाद उन्हें डिमनेंशिया की बीमारी भी हो गई थी। इसके बाद उनकी सेहत लगातार गिरने लगी औऱ वो अधिकतर अपने सरकारी बंगले में ही रहने लगे। और उन्हें बोलने में भी दिक्कत होती थी। अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में अटल बिहारी वाजपेयी ने अंतिम सांस ली और वो दुनिया से विदा हो गए।